इन 5 मंदिरों के रहस्यमय आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाएं|

इन 5 मंदिरों के रहस्यमय आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाएं|

मित्रों भारत की पहचान प्राचीन मंदिरों से है हर राज्य में ना जाने कितने मंदिर हैं जिनके दर्शन करने के लिए लोग देश विदेश से आते हैं ऐसे में कुछ मंदिर ऐसे हैं जो अपने आप में रहस्य समेटे हुए हैं तो जानते हैं उन मंदिरों के बारे में नमस्कार दर्शकों स्वागत है आपका द डिवाइन टेल्स पर सबसे पहले करणी माता मंदिर राजस्थान उन रहस्यमय मंदिरों में से एक नाम राजस्थान के बीकानेर में करणी माता का मंदिर का भी आता है जो पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है यह मंदिर देवी करणी को समर्पित है जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है

इन 5 मंदिरों के रहस्यमय आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाएं|
इन 5 मंदिरों के रहस्यमय आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाएं|

माता की मूर्ति मंदिर के अंदर गर्भ ग्रह में विराजमान है इतना ही नहीं देवी की मूर्ति के साथ उनकी बहनों की मूर्ति भी दोनों तरफ हैं सबसे खास बात इस मंदिर की यह है कि यह मंदिर 25000 से ज्यादा चूहों का घर है जिन्हें अक्सर यहां पर घूमते हुए देखा जाता है इतना ही नहीं लोग चूहों के लिए दूध मिठाई और अन्य प्रसाद भी लाते हैं सभी चूहों में से सफेद चूहों को खास तौर से पवित्र माना जाता है क्योंकि उन्हें करणी माता और उनके बेटों का अवतार माना गया है तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश मित्रों इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जो भी आदमी सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के सामने पूजा करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहां पर आकर मंदिर में अपने बाल दान करते हैं कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर जो बाल लगे हैं वह नकली नहीं बल्कि असली हैं यह बाल कभी भी उलझते नहीं हैं और वो हमेशा मुलायम ही रहते हैं भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर कान लगाकर सुने तो समुद्र की लहरों की आवाजें आपको सुनाई पड़ती हैं कामख्या देवी मंदिर गुवाहटी असम नीलांचल पर्वत के बीचोंबीच स्थित कामख्या देवी मंदिर गुवाहटी से बहुत ही पास है और तो और यह मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक है मानविता है मित्रों कि पिता द्वारा किए जा रहे यज्ञ की अग्नि में कूदकर सती के आत्मदाह करने के बाद जब भोलेनाथ माता केशव को लेकर तांडव कर रहे थे थ तब श्री हरि ने उनके क्रोध को शांत करने के लिए अपना सुदर्शन चक्र छोड़कर देवी सती के शिव के टुकड़े कर दिए थे उस समय जहां माता की योनि और गर्भ आकर गिरे थे आज उस जगह पर कामख्या देवी मंदिर स्थित है स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात मित्रों यह मंदिर अरब सागर के तट पर स्थापित है 150 साल पुराने इस मंदिर के बारे में महाशिव पुराण की रुद्र संहिता में मिलता है कहते हैं


इस शिवलिंग का आकार 4 फुट ऊंचा और 2 फुट के व्यास वाला है ये चमत्कारी रहस्यमय मंदिर अरब सागर और खंबा की खाड़ी से घिरा हुआ है इस मंदिर की खासियत है कि यह दिन में दो बार समुद्र के अंदर समा जाता है इसी वजह से यह और मंदिरों से काफी अलग है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दौसा मित्रों यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर में बसा हुआ है यहां लोग पूरे देश के हर कोने से भूत प्रेत बांझपन जैसी परेशानियों का हल निकलवाने के लिए आते हैं आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लोगों पर से भूत का साया हटाने के लिए उन पर खोलता पानी डाला जाता है इसके साथ ही लोगों को मंदिर की दीवारों से बांधकर भूत भगाया जाता है यहां बजरंगबली की बाई छाती में एक छोटा सा छेद है जिससे लगातार पानी निकलता रहता है कहते हैं कि यह बालाजी का ही पसीना है अचलेश्वर महादेव मंदिर धौलपुर मित्रों यह मंदिर राजस्थान के धौरपुर के जंगल में बना है इसलिए कहते हैं यहां बहुत ही कम लोगों का आना जाना रहता है यह मंदिर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच में है और वह जगह चंबल और बीहड़ों के लिए मशहूर है इस शिवलिंग की खास बात यह है कि यह दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है सुबह के समय शिवलिंग का रंग लाल दोपहर में शिवलिंग का रंग केसरिया और शाम होने के बाद इसका रंग सांवला हो जाता है भगवान वरहा श्याम मंदिर भीनमाल कहते हैं राजस्थान के भीनमाल शहर में स्थित भगवान वरहा श्याम का जानामाना मंदिर करीब 600 साल पुराना है यह वरहा श्याम का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और ऐसा कहा जाता है मित्रों कि भगवान वरहा श्याम के पैर पाताल में सिर इंद्रलोक में है उनके हाथों में धरती है महाकालेश्वर उज्जैन भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग का श्रृंगार भस्म और भांग से किया जाता है


यह भस्मारती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है इस ज्योतिर्लिंग को तीन खंडों में बांटा गया है निचले खंड में महाकालेश्वर मंदिर मध्य खंड में ओंकारेश्वर तथा ऊपरी खंड में श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है माना जाता है कि ज्योतिर्लिंग पर चढ़े भस्म को प्रसाद रूप में ग्रहण करने से बीमारियां नहीं होती निष्कलंक मंदिर भावनगर मित्रों यह मंदिर गुजरात के भावनगर में कोलियाक तट से थोड़ी दूर पर अरब सागर में स्थित है इस शिवलिंग पर अरब सागर की लहरें रोज जलाभिषेक करती हैं कहते हैं लोग पानी में पैदल चलकर इस मंदिर में दर्शन करने जाते हैं दर्शन करने के लिए उन्हें ज्वार के उतरने का इंतजार करना पड़ता है भारी ज्वार के समय केवल मंदिर की पताका और खंबा ही नजर आता है जिसे देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि पानी के नीचे समुद्र में महादेव का प्राचीन मंदिर बना हुआ है यहां पर महादेव के पांच शिवलिंग हैं यह पांचों शिवलिंग एक चपूस पर बने हुए हैं और यह कोलियाक समुद्र तट से पहले और 3 किलोमीटर अंदर अरब सागर में बना है लक्ष्मणेश्वर मंदिर छत्तीसगढ़ दोस्तों कहते हैं यह मंदिर छत्तीसगढ़ के शिवनारायण मंदिर से कुछ दूरी पर खरौद नाम के शहर में स्थ खरौद छत्तीसगढ़ का कला केंद्र है और लोगों का मानना है कि इस जगह पर आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है


वहीं लोग कहते हैं कि भगवान राम ने र और दूषण का यहीं पर वध किया था यही वजह है कि इस जगह का नाम खरत पड़ा कहते हैं कि इस शिवलिंग में एक लाख छेद हैं इसलिए इसे लक्ष लिंग या लखेश्वर भी कहा जाता है वहीं इन एक लाख छेद में से एक छेद ऐसा भी है जो पाताल लोक से जुड़ा हुआ है है इसमें जितना भी जल डालो वह सब पाताल में ही चला जाता है जबकि एक छेद ऐसा भी है जो हमेशा पानी से भरा रहता है जो अक्षय कुंड के नाम से जाना जाता है लक्ष लिंग जमीन से 30 फीट ऊंचा है रंगनाथ स्वामी जी मंदिर तिरुचिरापल्ली भगवान रंगनाथ स्वामी मंदिर का नाम दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में गिना जाता है यह मंदिर करीब 156 एकड़ भूमि पर बना हुआ है यह स्वामी रंगनाथ का मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरु पल्ली में श्री रंगम में स्थित है इसलिए इस मंदिर को श्री रंगम मंदिर कहा जाता है जिस जगह पर पहले भगवान श्री रंगनाथ की मूर्ति स्थापित थी वो जगह जंगल बन चुकी थी फिर जब जंगल के निर्माण के बाद चोल वंश के राजा शिकार के लिए एक तोते का पीछा कर रहे थे तब उन्हें अचानक जंगल में देवता की एक मूर्ति मिलती है तभी राजा ने रंगनाथ स्वामी मंदिर का विकास कराया था हनुमंता मंदिर मध्य प्रदेश मित्रों हनुमान जी का यह मंदिर मध्य प्रदेश भिंड जिले में है ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के भगवान हनुमान स्वयं अपने एक भक्त का इलाज करने डॉक्टर बनकर आते थे यहां आने वाले भक्तों व श्रद्धालुओं का मानना है कि डॉक्टर हनुमान के पास सभी तरह की बीमारियों का कारगर इलाज है


यही कारण है कि यहां पर लोग दूर-दूर से अपनी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आते हैं


वहां रहने वाले स्थानीय लोगों की माने तो इस मंदिर में जो भी भक्त दर्शन करने के लिए आता है वह हमेशा स्वस्थ रहता है जगन्नाथ मंदिर कानपुर उत्तर प्रदेश के कानपुर में बना भगवान जगन्नाथ का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है यहां बलराम जी और देवी सुभद्रा की मूर्तियां भी लगी हैं ये मूर्तियां काले रंग के चिकने पत्थरों से बनी हुई हैं इस मंदिर के आंगन में सूर्यदेव और पद्मनाभम की मूर्तियां भी स्थित हैं मौसम विभाग के अलावा यह मंदिर भी पूरे मानसून की स्थिति की जानकारी देता है इस रहस्य को जानने के लिए देश और पूरी दुनिया के वैज्ञानिक यहां पर रिसर्च भी कर चुके हैं बारिश आने से लगभग एक सप्ताह पहले मंदिर में श्री जगन्नाथ की मूर्ति पर मंदिर के गुंबद से पानी की बूंदे होकर आने लगती हैं तो कम बारिश होगी वहीं अगर पत्थर पर पानी बूंदों का रूप लेने लगता है तो इससे सामान्य बारिश होने का संकेत मिल जाता है कोणार्क मंदिर ओड़ीशा ओड़ीशा के कोणार्क सूर्यदेव मंदिर को साल 1903 में मंदिर के मेन दरवाजे को अचानक रेत और बालू से पूरी तरह से ढककर बंद कर दिया गया था इस इंसीडेंट को हुए करीब 118 साल बीत चुके हैं लेकिन इस मंदिर के सीक्रेट और मिस्ट्री मंदिर के बीचोंबीच बने दरवाजे के अंदर मौजूद हैं


इस मंदिर के ऊपर 52 टन का एक चुंबक लगा था जिससे इन खंभों को बैलेंस किया गया था इससे सूर्यदेव की मूर्ति हवा में तैर रही थी और जिसे कोई भी देखकर हैरान रह गया ऐसा कहा जाता है कि चुंबक को किसी विदेशी आक्रमणकारी ने ही तोड़ा था और तो और इस मंदिर में रात के समय वृतक के नाचने की आवाजें भी गूंजती हैं इस मंदिर को बनाने वाले कार्यकर ने सुसाइड कर लिया था यह कोणार्क मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है वहीं इस मंदिर की आधार को सुंदरता देते हुए 12 चक्र साल के 12 माह को डिफाइन करते हैं और हर चक्र दिन के आठ नगरों को शो करता है रथ में कुल 12 जोड़ी पहिए हैं बिजली मंदिर हिमाचल मित्रों हिमाचल के कुल्लू जिले में बने अनोखे और रहस्यमय बिजली महादेव मंदिर को लेकर लोगों में बहुत विश्वास है यहां लोग दूर-दूर से महादेव के दर्शन करने आते हैं यह मंदिर कुल्लू घाटी के सुंदर गांव काशव में बना हुआ है जो काफी ऊंचाई पर स्थित है इसे भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक गिना जाता है मंदिर के अंदर शिवलिंग हर बार साल में पता नहीं किस तरीके से बिजली के बोल्ड से टकराता है इस अजीबोगरीब रहस्य को कोई नहीं समझ पाया है और बिजली गिरने से शिवलिंग के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं फिर मंदिर के पुजारी हर टुकड़ों को इकट्ठा करके उन्हें दाल के आटे और कुछ नमकीन मक्खन से बने पेस्ट के इस्तेमाल से जोड़ते हैं वहीं कुछ महीनों के बाद शिवलिंग दोबारा से पहले जैसा दिखने लगता है मंदिर के करीब रहने वालों का मानना है कि पीठासीन देवता इलाके के निवासियों को हर तरह की बुराई से बचाना चाहते हैं


जिस वजह से वो बिजली शिवलिंग से टकरा जाती है लोग कहते हैं कि बिजली एक दिव्य आशीर्वाद है जिसमें चमत्कारी शक्तियां होती हैं श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन मित्रों यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में है बाकी का मतलब है कि तीन कोणों पर मुड़ा हुआ जो असलियत में बासुरी बजाते हुए भगवान कृष्ण की ही मुद्रा है बांसुरी बजाते समय कृष्ण जी का दाहिना घुटना बाएं घुटने के पास मुड़ा रहता था तो सीधा हाथ बांसुरी को थामने के लिए मुड़ा रहता था इसी तरह उनका सिर भी इसी समय एक तरफा हल्का सा झुका रहता था इसलिए मंदिर का नाम बांके बिहारी मंदिर रखा गया यह मंदिर 1860 में बनाया गया था जो एक राजस्थानी वास्तुकला का नमूना है बांके बिहारी की यह छवि स्वामी हरिदास जी ने निधिवन में खोजी थी श्री कृष्ण मठ मंदिर डोपी दक्षिण भारत में भगवान कृष्ण के कई मंदिर हैं मित्रों उन्हीं में से एक बहुत फेमस मंदिर कर्नाटक राज्य का डोपी कृष्ण मंदिर है इस मंदिर में हर साल हजारों भक्त कृष्ण जी की एक झलक पाने के लिए आते हैं मंदिर में कृष्ण के दर्शन नौ छेद के द्वारा किए जाते हैं देख देखने में भगवान कृष्ण की मूर्ति बहुत ही सुंदर और मनमोहक है जिसके दर्शन पाकर श्रद्धालु अपने आप को बहुत ही किस्मत वाला मानते हैं कहते हैं कि नौ छेद से प्रभु को देखना किसी के भी जीवन में समृद्धि लाता है कृष्ण जी की मूर्ति पर सजावट बहुत ही  सुंदर है कभी-कभी ये सोने के जेवरा तों के साथ और अगले दिन हीरे के कवच के साथ सजाया जाता है तो मित्रों आज  फिलहाल बस इतना ही अगर आपको इसके बारे में और डिटेल्स में जानना है तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं


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