किन 5 लोगों की कभी मदद नहीं करनी चाहिए ?
हमें हमेशा से यही सिखाया जाता है कि मुश्किल में फंसे सभी लोगों की मदद करनी चाहिए लेकिन आचार्य चाणक्य के हिसाब से कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनकी मदद भूलकर भी नहीं करनी चाहिए जी हां अब आप सोच रहे होंगे कि कौन है वह लोग तो चलिए आइए जानते हैं मित्रों आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन लोगों को नशे की लत होती है उनकी कभी मदद नहीं करनी चाहिए ऐसे लोग अगर आपसे मदद मांगते हैं तो मना करने में भलाई है क्योंकि इस तरह के लोग नशे की हालत में सब कुछ भूल जाते हैं और पैसे को पानी की तरह बहाते हैं यह लोग नशे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं यही नहीं नशे में इंसान गलत या सही का फर्क करना भूल जाता है
इसलिए ऐसे लोगों की मदद कभी नहीं करनी चाहिए इनकी सेवा करना या इन्हें पैसे देना आपको दुख ही पहुंचाएगा जिस इंसान का चरित्र खराब है उससे दूरी बनाने में आपकी भलाई है चाणक्य नीति की माने तो बुरे और खराब चरित्र वाले इंसान की कभी मदद नहीं करनी चाहिए ऐसे लोगों की मदद करने से आप खुद ही परेशानी में फंस सकते हैं ऐसे लोगों से कि किसी भी तरह का कोई नाता नहीं रखना चाहिए वरना इन लोगों की वजह से समाज और घर परिवार में व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता है इसलिए ऐसे लोगों से दूर ही रहना बेहतर है इतना ही नहीं एक गलत स्वभाव की स्त्री आपके चाहे कितने भी मुश्किल में दिखे उसकी सहायता करने से पहले एक बार सोच विचार जरूर कर ले ऐसी स्त्री अपने खराब स्वभाव वाले चरित्र को कभी नहीं छोड़ती वह मदद के नाम पर सिर्फ आपका इस्तेमाल करेगी और किसी भी परिस्थिति में आपका साथ तब तक ही देगी जब तक आप उसके काम में मदद कर रहे हैं यदि कोई सही पुरुष ऐसी स्त्री का साथ देता है तो वह अपने लिए खुद ही गड्ढा खोद रहा होता है साथ ही इससे समाज में उसका मजाक भी बनता है चाणक्य कहते हैं कि जो लोग अपने जीवन से खुश नहीं है और हमेशा ही दुखी रहते हैं उनसे दूर रहना ही सही है इन लोगों की भलाई करने पर भी सबको दुख ही मिलता है
ऐसे लोगों का जीवन चाहे कितना भी अच्छा क्यों ना हो जाए यह हमेशा किसी ना किसी बात पर परेशान ही रहते हैं यह लोग दूसरों के सुख से चलते हैं और को रहते हैं इस तरह जलन भाव रखने वाले और बिना वजह दुखी रहने वाले लोगों से भी दूर रहने में भलाई है पूजा पाठ और दान ना करने वाले लोग मित्रों ऐसे मनुष्य जो परमात्मा की भक्ति नहीं करते और ना ही कभी दान पुण्य करते हैं ऐसे लोगों का जीवन व्यर्थ होता है ऐसे लोगों से भगवान कभी प्रसन्न नहीं होते नहीं उन्हें अपनी जिंदगी में सफलता मिलती है और तो और उन लोगों को इस जन्म और मृत्यु के बाद भी कुछ अच्छा नसीब नहीं होता इसलिए अपने इस जन्म और अगले जन्म को बेहतर बनाने के लिए प्रभु की आराधना और जरूरतमंदों की मदद भी करनी चाहिए अच्छा व्यवहार ना करने वाले लोग दोस्तों ऐसे लोग जिनका व्यवहार खराब होता है
और दूसरों से भी वह ऐसे ही पेश आते हैं उनके साथ हमेशा बुरा या गलत ही होता है ऐसा व्यवहार रखने वालों के काम और उनके परिवार की छवि हमेशा खराब रहती है ऐसे लोग भी धरती पर बोझ के समान होते हैं इसलिए ऐसा कहा जाता है मित्रों कि ऐसे लोगों को हमेशा ऐसा आचरण रखना चाहिए जो उन्हें और उनके परिवार को सम्मान दिलाए किस किसी का नहीं देते हैं
साथ जो व्यक्ति मुश्किल के समय अपने मित्रों और परिवार की सहायता नहीं करते हैं अन्य लोग भी उनका साथ नहीं देते हैं परेशानी के समय इन लोगों की कोई मदद नहीं करता यह अकेले ही अपने जीवन में लड़ते व जूझते रहते हैं ज ना लेने वाले लोग मित्रों जो मनुष्य अपने जीवन में कभी ज्ञान अर्जित नहीं करते उनकी संपूर्ण जिंदगी बेकार व व्यर्थ जाती है
और भगवान भी उनका साथ नहीं देते क्योंकि वह किसी भी चीज में अपना ध्यान नहीं लगाते इसलिए जितना संभव हो उतना ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान लेने का प्रयास करना चाहिए खुश रहना है तो लगाव से दूर रहो मित्रों आचार्य चणक का कहना है कि यदि किसी भी व्यक्ति को खुश रहना है तो किसी भी तरह के लगाव से दूर रहे हालांकि यह करना कठिन है लेकिन फिर भी अगर आप किसी से अपेक्षा ना रखें और मोह से दूर रहे तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी तथा ऊंचाई चढ़ने से कोई रोक नहीं सकता किसी से मोह होने पर आप वहां दिमाग का उपयोग करना बंद कर देते हैं और जानते हुए भी कई गलतियां कर बैठते हैं क्योंकि आपकी आंखों पर भरोसे की पट्टी बंधी होती है मूर्खों से बहस ना करें चाणक्य के अनुसार कभी किसी मूर्ख के साथ बहस या विवाद ना करें मूर्खों में समझदारी का अभाव होता है
बिना अकल वाले लोगों से यदि आप बात करते हैं तो इस पर आपका ही नुकसान होता है जी हां ऐसे लोग आपका सम्मान भी नहीं करते तथा आपको इससे मानसिक परेशानी झेलनी अलग पड़ती है तो ऐसे लोगों से बचने का सबसे आसान तरीका है कि चुप र यदि आपको अपना लक्ष्य पाना है तो मूर्खों से बात करके या बहस बाजी करके अपना समय ना बर्बाद करें बल्कि वक्त को सही जगह पर इस्तेमाल करें वहीं इनसे बात करेंगे तो आपको कोई लाभ नहीं होगा अपनी कमजोरी किसी को ना बताएं विष्णुगुप्त की माने तो कुछ रिश्ते जन्म के साथ लेकर पैदा होते हैं और कुछ आप जन्म के बाद बनाते हैं नए रिश्ते में कभी भी चाहे कितना भी कोई अच्छा या विश्वास क्यों ना करता हो आप अपनी कमजोरी किसी को ना बताएं आचार्य चाणक्य तो अपनी अर्धांगिनी तक से अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए कहते हैं
आचार्य कौटिल्य कहते हैं कि जैसे ही सामने वाले को आपकी कमजोरी का ज्ञान होगा वो तुरंत ही उसका फायदा उठाता है इसलिए अपने आत्मसम्मान के लिए कभी भी अपनी कमजोरी किसी को ना बताएं धन को सोच समझकर खर्च करना मित्रों विष्णुगुप्त का यह कहना है कि धन को बचाकर रखना चाहिए आजकल के जमाने में धन है तो जीवन सम्मान और सुख है यानी हर चीज धन से ही है आप जितना कमाते हैं यह जरूरी नहीं बल्कि जरूरी यह है कि आप कितना बचाते हैं धन का गलत इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए बहुत से लोग खून पसीना लगाकर धन कमाते हैं और मिनटों में सब कुछ खर्च कर लेते हैं यदि धन बेवजह खर्च करेंगे तो आपकी मेहनत का क्या ही फायदा आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यक्ष कुबेर भी बिना किसी मतलब से खर्च करेगा तो एक दिन गरीब हो जाएगा इसलिए धन को कमाने में जितनी मेहनत करते हैं उतना ही उसे बचाने में भी करें कान के कच्चे ना बने कौटिल्य के अनुसार यदि कोई आपकी बात आपके साथ बैठे होने के बाद भी नहीं सुन रहा है या फिर जब कभी आप किसी अहम बात के बारे में बात कर रहे हैं
और आपके सामने बैठा व्यक्ति उसको अहमियत नहीं दे रहा है तो उस पर कभी भी विश्वास ना करें चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों को बताई गई आपकी नीज बातें कब सबके सामने आएंगी आपको पता तक नहीं चलेगा और फिर आपको पछतावा होगा क्रोध मित्रों विदुर नीति के अनुसार क्रोध इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है व्यक्ति को समझ नहीं आता कि वह गुस्से में क्या कर ने जा रहा है और अंत में उसके हाथ सिवा पछतावे के कुछ नहीं लगता इसलिए यदि आप सफल तथा सुखी जीवन यापन करना चाहते हैं तो आपको क्रोध को त्यागना होगा लालच इस नीति की माने तो जिस इंसान के मन में लालच रहता है वह कभी सुखी नहीं रह पाता व्यक्ति के ऊपर जब लालच का भूत सवार होता है तब वो कुछ ऐसा कर बैठता है जिससे उसकी जिंदगी में अस्थिरता आ जाती है इसलिए कहा जाता है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए घमंड नीति पुस्तक में महात्मा विदुर कहते हैं कि इंसान को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए दरअसल घमंड से इंसान का सही व्यक्तित्व छिप जाता है और उसके अच्छे कर्मों पर पानी फिर जाता है व्यक्ति कितना भी ऊंचा क्यों ना उठ जाए उसे घमंड या अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग घमंड में आकर अपने आप को हानि पहुंचा देते हैं नौकर नौकर की विश्वसनीयता परखने के लिए उसे बड़ी जिम्मेदारी वाला काम दें चाणक्य कहते हैं कि जब आपके नौकर या सेवक को जिम्मेदारी वाले कार्य दिया जाएगा तभी यह पता चल पाएगा कि वह कितना योग्य है नौकर की वफादारी जानने के लिए उसे पैसों से संबंधित काम दे दें और फिर ऐसे उसकी निगरानी करें कि उसे पता भी ना चले अगर वह गलत होगा और चोरी करने का प्रयास करता है तो इससे आपको यह मालूम हो जाएगा कि वह वफादार है या नहीं मित्र बंधु और सगे संबंधी देखिए अपने दोस्त या सगी संबंधियों की निश्छल होता जानने के लिए हमें खुद को संकट या परेशानी में हुआ बताना चाहिए और फिर यह देखना चाहिए कि वह कौन से लोग हैं जो सच में हमारे मित्र या सगे संबंधी हैं जो हमारी सहायता करने के लिए सामने आते
हैं चाणक्य नीति के अध्याय एक श्लोक 12 के अनुसार किसी रोग से पीड़ित होने पर दुख अकाल शत्रु की तरफ से संकट आने पर राज्यसभा शमशान और किसी की मृत्यु हो जाने पर जो व्यक्ति साथ नहीं छोड़ता वही सच्चा मित्र बंधु या सखा माना जाता है पत्नी अपनी पत्नी को परखने के लिए उसके सामने अपनी गरीबी और मुश्किलें दिखानी होगी या फिर ऐसा जताना होगा कि हमारे पास धन समाप्त हो गया है फिर देखना होगा कि ऐसी परिस्थिति में भी क्या आपकी स्त्री आपका साथ देती है अगर देती है तो वो सच्चे जीवन संगनीर नहीं तो वो सिर्फ आपके पैसों से ही प्रेम करती है आपसे नहीं ऐसे आप जान सकते हैं
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किन 5 लोगों की कभी मदद नहीं करनी चाहिए ?