
अगर आप देवी के संपर्क में हैं, उसके बाद.. ऊर्जाओं का negative प्रभाव आप पर.. नहीं होगा। ऐसी चीज़ों का उस इंसान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.. जो कि सच में ध्यानशील है। जितने आप… मानसिक और भावनात्मक रूप से विचलित और अस्थिर होंगे.. उतनी ही आसानी से.. आप इन शक्तियों से प्रभावित होंगे।
किसी की मौत का ….कारण भी बन सकते हैं।
शैतानी शक्तियों से बचने के 6 उपाय | 6 Ways to Protect Yourself from Negetive Energy and Influences ||
सद्गुरु: रुद्राक्ष का जो बीज होता है…
- उसका पेड़… मुख्य तौर से ख़ास ऊंचाई पर होता है.. लगभग 6500 से 12000 फ़ीट .. के बीच.. रुद्राक्ष का पेड़ इस ऊंचाई पर हिमालय क्षेत्र में उगता है। और… इसका स्पंदन या वाईब्रेशन बहुत अनोखा होता है। तो वो लोग जो लगातार यात्राएं करते हैं.. रुद्राक्ष पहनते हैं, ताकि उनकी अपनी खुद की ऊर्जा का एक कोकून बन जाए.. ताकि, बाहरी ऊर्जाएं उन्हें परेशान न करें। उनका अपना एक… हम इसे कवच बोलते हैं, आप जानते हैं न कवच क्या होता है? ये एक तरह से एक खोल जैसा है.. आपकी खुद की ऊर्जा का एक खोल.. जहां भी आप जाएंगे, आपका अपना निजी बैडरूम.. आपके साथ जाएगा! ये आपके साथ चलेगा जहां भी आप जाएं। वो लोग जोकि.. परिवार और समाज के बीच हैं, हमेशा उनके पहनने के लिए सबसे बढ़िया रुद्राक्ष पंचमुखी रुद्राक्ष होगा। और अच्छा होगा कि ये आपको उनसे मिला हो.. जो जानते हैं कि ये क्या है। बस यूंही.. किसी भी दुकान से उठा कर इसे पहन लेना.. अच्छी चीज़ नहीं है। आमतौर पे जो रुद्राक्ष आपको यहां मिलता है.. वो हमेशा ही.. उन… परिवारों से लिया जाता है जो हज़ारों सालों से रुद्राक्ष संभाल रहे हैं.. वही परिवार। नके लिए ये एक पवित्र धर्म जैसा है.. न कि बस एक बिज़नेस। एक और बीज होता है, जिसे भद्राक्ष बोलते हैं.. जो भारत के उत्तरी मैदानों में खूब पाया जाता है..
ये असल में एक ज़हरीला बीज है, जो बिलकुल ऐसा ही दिखता है। और खासतौर से भारत में पश्चिमी देशों के पर्यटकों के लिए..अब हम बड़े सुंदर प्लास्टिक रुद्राक्ष बना रहे हैं! जो बहुत बढ़िया दिखते हैं.. इनसे भी अच्छे, पर वो प्लास्टिक रुद्राक्ष हैं, ठीक है? तो… सबसे अच्छा होगा कि इन्हें जानी-मानी जगह से लिया जाए.. नहीं तो तमाम तरह की चीज़ें आएंगी। मैं आजकल देखता हूं ..अ…. बहुत सारे… ये… शब्दों के अभाव की वजह से ऐसा कह रहा हूं… ये “नए ज़माने”.. टाइप के लोग..ये सारे अपने अंगूठों में मेटल की अंगूठी पहनते हैं। अगर आप अपने अंगूठे में धातु की अंगूठी डालते हैं.. तो आप पक्का अपनी ओर कुछ ख़ास तरह की नेगेटिव शक्तिओं को बुलावा देंगे। इसका मतलब ये नहीं कि आपको कोई अपने वश में ही कर लेगा.. पर…. आप बिना वजह गिरते लुढ़कते फिरेंगे.. तरह तरह की चीज़ें होंगी.. हर चीज़ गलत होगी… सिंपल चीज़ें भी। मुझे नहीं पता अगर आप ऐसे लोगों से मिलें हैं या किसी समय पर खुद आपके साथ ऐसा हुआ है.. कि जब.. चीज़ें बिगड़ना शुरू होती हैं, तो वो लगातार बिगडती चली जाती हैं.. लगातार… आप गिरते हैं। एक या दो नहीं.. ये बस होता ही चला जाता है.. सब कुछ और हर चीज़ गलत हो जाती है.. छोटी से लेकर बड़ी चीज़ें.. बस इसलिए क्योंकिaa..

शायद उन्होंने ऊर्जा के कुछ…. ख़ास आयामों को अपनी तरफ आकर्षित किया है.. जो.. कि.. जो दुनिया में कुछ भी करने के लिए.. सहायक नहीं होते, बल्कि ये किसी और चीज़ के लिए सहायक हो सकते हैं। सिर्फ वही लोग जो तंत्र विद्या करना चाहते हैं.. वो अंगूठे में अंगूठी पहनते हैं। पर आज, या तो अज्ञानता में.. या फैशन में.. एक बार आपने..अंगूठे पर मेटल पहन लिया.. तो आप इन चीज़ों को बुला रहे हैं। ऐसे सैकड़ों लोग हैं, जिन्हें लगता है कि वो किसी के वश में हैं और ये सब.. हम उनसे बस इतना कहते हैं आप बस यहां आकर ध्यानलिंग क्षेत्र में बैठिए.. क्योंकि… ध्यानलिंग में तंत्र के ऐसे आयाम हैं, जो इन सब चीज़ों को काट डालते हैं। वो यहां से पूरी तरह से मुक्त होकर जाते हैं..क्योंकि….ध्यानलिंग क्षेत्र में तांत्रिक आयामों का समाधान हो जाता है। बस एक पूर्णिमा या अमावस्या के दिन.. जब आप चीज़ों को लेकर ज्यादा ग्रहणशील होते हैं.. बस एक दिन.. बस वहां बैठकर जाइए। अगर आप देवी के संपर्क में हैं.. चाहे देवी-यंत्र की मदद से.. या चाहे जैसे भी यंत्र आपके हाथों में है, या आपके दिल में है..
ये आपके ऊपर है… पर एक बार… जब आप उस ऊर्जा के खोल में हैं.. जिसे हम देवी या भैरवी कह रहे हैं.. उसके बाद, ऊर्जाएं आपके लिए नकारात्मक हो जाएं.. ऐसा नहीं हो सकता। तो… अगर आप.. बस इतना सुनिश्चित कर लें.. कि आप सही किस्म का खाना खा रहे हैं, अपने सिस्टम को ठीक से रख रहे हैं.. तो ये संभावना कि आपमें…कुछ गड़बड़ी हो जाए.. जिसका काराण.. कोई दूसरी ऊर्जा या ऐसा कुछ है.. ऐसा होना आपकी ज़िन्दगी से कोसों दूर की बात होगी…. उनसे…. देवी निपट लेंगी। अगर आप सच में ध्यानशील हैं, तो आप तंत्र के बारे में सोचिए भी मत। इन चीज़ों का उस इंसान पर कोई असर नहीं होता जो सच में ध्यानशील है। अगर आपने मौन को… अगर आपने अपने भीतर के मौन को थोड़ा सा भी जाना है.. कम स कम.. आपके भीतर दिन में कुछ पलों का भी मौन है.. तो आप तंत्र की चिंता मत कीजिए। ऐसी चीज़ें..उस इंसान को प्रभावित नहीं करतीं.. जो अपने अंतरतम की..निश्चलता को जानता है। किसी ने कहा है “आदमी केवल इसलिए ill है यानी बीमार है, क्योंकि उसे still यानी स्थिर होना नहीं आता। बिलकुल सही कहा है। ये बिलकुल सही है। सारी बीमारियां.. इसलिए हुई हैं … क्योंकि उन्हें स्थिर रहना नहीं आता.. खासकर वो वाली… जो आपके मन को प्रभावित करती हैं.. और वो जो दूसरे प्रभावों के कारण होती हैं। ये चीज़ें इसलिए संभव हो पाती हैं क्योंकि कोई स्थिरता नहीं है। तोss अभी इस समय..आप ध्यान की प्रक्रिया से, अपने जीवन में वो निश्चलता लेकर आ रहे हैं। अगर आप still हैं, तो आप ill नहीं होंगे। जितने आप… मानसिक और भावनात्मक रूप से विचलित और अस्थिर होंगे.. उतनी ही आसानी से.. आप इन शक्तियों से प्रभावित होंगे। अगर आपके अन्दर एक तरह का फोकस.. और.. संकल्प हैं.. तो आप देखेंगे कि ये चीज़ें बस… ये सड़क पर एक छोटे से… बस एक छोटे से उभार की तरह होंगी.. दुर्घटना नहीं होगी। लेकिन.. अगर आप अपने मन और भावनाओं में.. एक तरह की अस्थिरता में हैं.. तो इससे दुर्घटना हो सकती है।
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