हनुमान जी से सीखो 11 बातें हर सफलता का राज कसे ? जाने

दुनिया चले ना श्री राम के बिना और रामजी  चले ना हनुमान के बिना यह बात सत्य है कि श्री   राम से रामायण बनी है पर हनुमान जी के बिना रामायण  अधूरी है हनुमान जी के बिना रामायण की कल्पना करना   भी मुश्किल है इसी लाइन में ही हनुमान जी का पूरा  सर आ जाता है कि दुनिया श्री राम के बिना नहीं चल   शक्ति और श्री राम हनुमान जी के बिना नहीं चल सकते  भगवान श्री राम ने यूं ही नहीं कहा है की जो हनुमान   जी की पूजा करेगा वो वास्तव में मेरी ही पूजा कर  रहा होगा और इस बात का बहुत बड़ा अर्थ निकलता है   आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे उन 11 बातों के  बारे में जो हमें हनुमान जी से सीखने को मिलती है
इन 11 बातों में जीवन जीने का तरीका है


बात करने का  तरीका है मेहनत करने का तरीका है मां कर्म और वाणी   पर संतुलन करने का तरीका है जो हमें भगवान हनुमान  जी सीखने को मिलता है वैसे तो भगवान के गुणों को   इन छोटे-छोटे शब्दों से हम पुरी तरह नहीं समझ सकते  लेकिन फिर भी कोशिश करेंगे कि अगर ये 11 बातें कुछ   हद तक भी हम अपनी जिंदगी में अप्लाई कर सकें तो फिर  कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है सब कुछ संभव है जीवन   में शांति संभव है जीवन में सफलता संभव है एवरीथिंग  इस पॉसिबल तो चलिए सीखने हैं उन 11 बटन को जो हमें   हनुमान जी से सीखनी चाहिए यूरिन बटन को मैं आज के  दूर के हिसाब से मुझे जो शब्द जो शब्द आसन लगेंगे   उनके जारी मैं आपको सिखाऊंगा सिख


नंबर एक पॉसिबिलिटी  थिंकिंग यानी की अगर हनुमान जी है तो सब पॉसिबल है   रामायण पॉसिबल है सीता जी को खोजना पॉसिबल है रावण  का वध संभव है रामसेतु संभव है संजीवनी बूटी लाना   पॉसिबल है पहाड़ को उठाना पॉसिबल है हनुमान जी एक  बहुत बड़े पॉसिबिलिटी थिंकर थे हम तो पॉसिबल है   लेकिन करना उसको कैसे है वो आपको सोचना है उसे कम को  कैसे करना है ये सोने के लिए आपने होना चाहिए खुद पर   विश्वास कोशिश करने की हिम्मत और उम्मीद क्योंकि खुद  पर विश्वास से आप उसे कम को शुरू कर सकते हैं किसी  ने कभी नहीं सोचा था की समुद्र में एक सेतु बनाया जा  सकता है लेकिन जब लंका पहुंचने के सभी के विश्वास से   वो सेतु बनाने लगे तो पानी में जो पत्थर थे ना वो  भी पानी में तैरने लगे हनुमान जी को केवल इतना ही   बताया गया की माता सीता लंका में है लेकिन वे खुद पर  विश्वास करके कठिन समस्याओं का सामना करके लंका तक   पहुंच गए विश्वास के बाद जरूरी है प्रयास कोशिश जब  हनुमान जी को बहुत जगह ढूंढने के बाद भी माता सीता   का पता नहीं चला तो उन्होंने सोचा की क्यों ना हर  माने से पहले एक आखिरी प्रयासुर किया जाए और उनका  आखिरी प्रयास कभी खत्म नहीं होता था इसी आखिरी  प्रयास को करते हुए उन्हें अशोक वाटिका में माता   सीता मिल गई हनुमान जी के इस गन से यह सिख मिलती  है की कोई प्रयास आखिरी नहीं होता अगर आपको ग रहा   है की ये कम किया जा सकता है तो उसे बीच में मत छोड़  फिनिश लाइन तक उसे करने की कोशिश करते रहो क्या पता   आने वाला स्टेप उसे कम का लास्ट स्टेप और उसके बाद  आप उसे कम में जीत जो और कोशिश के साथ साथ जरूरी है   उम्मीद रखती उम्मीद पर दुनिया कायम है इसलिए जब तक  आपको लक्ष्य नहीं मिलता तब तक प्रयास करें और खासकर   सामने से पहले सफलता जीवन का अंत करने से नहीं बल्कि  प्रयास करने से मिलती है इसलिए खुद पर विश्वास रखें  अंत तक कोशिश करते रहे और अच्छे परिणाम की हमेशा  उम्मीद बनाए रखें


सिख नंबर दो =  डैडी केन डिसिप्लिन   और डिवोशन डेडीकेशन क्या है जब लक्ष्मण जी युद्ध  भूमि में मूर्छित हो गए थे तो हनुमान जी को संजीवनी   बूटी लानी थी उनको यह टास्क दिया गया वो वहां चले तो  गए लेकिन संजीवनी बूटी पहचानते नहीं थे तो वो पूरा   का पूरा पहाड़ उठाकर ले आए सामने समस्या थी लेकिन  सॉल्यूशन उन्होंने अपने डैडी केन से ढूंढ लिया इससे   हम यह सिख सकते हैं की अगर मां में दृढ़ निश्चय हो  डिटरमिनेशन हो संकल्प हो किसी भी कम को अच्छे तरीके   से करने की लगन हो आप उसे करने की अगर थान लो की बस  करना है और मुझे ही करना है तो कोई भी कम मुश्किल  नहीं है डिसिप्लिन क्या है लंका में माता सीता की  दुख भारी कंडीशन देख के हनुमान जी बोले की माता अगर   मैं चाहूं ना तो अभी मैं आपको कंधे पर बिठाकर श्री  राम के पास लेकर चल सकता हूं लेकिन मुझे इसकी आजा   नहीं है मुझे केवल आप तक यह संदेश पहचाने की आजा  मिली है की श्री राम आपको ढूंढने के लिए आपको वापस   ले जान के लिए ए रहे हैं हनुमान जी के इस गन से  यह सिख मिलती है


की आजा के अनुसार ही कार्य करें   आप में भले ही बहुत पावर हो लेकिन उससे भी ज्यादा  जरूरी है डिसिप्लिन आप में भले ही बहुत सर टैलेंट   हो लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है डिवोशन क्या  है समर्पण कर्तव्य निष्ठा हनुमान जी ने श्रीराम  को दिए गए वचन पर बने रहकर सीता जी को ढूंढने में  पूरे समर्पण के साथ कम किया उसे वक्त उन्होंने खुद   के बड़े में अपने भाई बांधो और उनके राज परिवार के  बड़े में भी बिल्कुल नहीं सोचा किसी छोटे परिवार से   नहीं थे समर्पण का भाव आज कल के रिश्तों में होना ही  चाहिए बदले की भावना से की वो मेरे लिए यह करेगा तो   मैं उसके लिए ऐसा कर दूंगा ऐसी सोच के साथ किसी के  साथ भी कम मत करो जितना आपसे हो सकता है उतना पूरे   डिवोशन सही करो इसलिए अपने हर कम को पुरी डेडीकेशन  डिप्लिन और डिवोशन से कंप्लीट करोjay shiri ram


सिख नंबर तीन = जो   हमें हनुमान जी देखने की जरूर है कम ने बुद्धिमानी  के साथ शांति रखना डिसीजन मेकिंग इमोशनल बैलेंस और   कंट्रोल उनका सामना सुरसा नमक राक्षसी से हुआ जो  समुद्र के ऊपर से निकालने वाले को खाने के लिए   कुख्यात थी हनुमान जी ने जब सुरसा बचाने के लिए अपने  शरीर का विस्तार करना शुरू कर दिया तो रिप्लाई में   सासने अपना मुंह और बड़ा कर दिया इस पर हनुमान जी ने  स्वयं को छोटा सा बना करके सुरसा के मुख से जाकर के   वापस ए गए ये थी उनकी इंटेलिजेंट बुद्धिमानी सासने  उनको छोड़ दिया की मैं बड़ी खुश हुई हमें भी व्यर्थ  मामलों में पढ़ने की बजे सही समय पर शांत दिमाग से  सही डिसीजन लेकर कम करना चाहिए इस एग्जांपल से हमें   सीखने को मिलता है की जहां मामला हम का हो एगो का हो  वहां बाल नहीं बल्कि बुद्धि कम करें बड़े लक्ष्य को   अपने के लिए अगर कहानी झुकना भी पड़े शांत होना पड़े  तो हो जाना चाहिए कभी कभी कंपटीशन ताकत से नहीं मन   से जीता जाता है इमोशनल होकर फैसला मत लो इमोशनल सा  टेंपरेरी बट उसके बाल पे अगर आप डिसीजन लोग एक्शंस   लोग वो परमानेंट फिर आप उनको वापस नहीं कर सकते


इमोशंस होने पर आपका कोई भी फायदा उठा सकता है डिफेंडिंग अपन योर इमोशंस परिणाम को  ध्यान में रखते हुए डिसीजन इमोशंस को  ध्यान में रखते हुए डिसीजन मत लो


सिख  नंबर 4 जो हमें हनुमानजी सीखने हैं   सिंपली सिटी विद फिजिकल पावर एगो ली पोलाइट ने माता  सीता के सामने वे सूक्ष्म रूप में गए क्योंकि वो एक   मां के सामने है बेटे की तरह गए थे वही लंका जलन  के लिए उन्होंने विशाल रूप धरण किया कितने वर्ष के   टाइम लेकिन पता था कहां पर क्या उसे करना है इस तरह  जहां जितना जरूरी हो उतना ही शक्ति का यह ज्ञान का   प्रदर्शन करें फोकट का दिखावा ना करें ज्ञान बुद्धि  विद्या और बाल के साथ हनुमान जी में विनम्रता भी   अपार थी सही समय पर सही कार्य करना और कार्य को  अंजाम तक पहचाने का उनमें चमत्कारी गन और यहां   आप विनम्रता बड़ों की रिस्पेक्ट जहां जरूर हो वहां  ज्ञान का प्रदर्शन और सिंपलीसिटी सिख सकते लंका में हनुमान जी ने सीता माता को ढूंढकर  लंका को जलाकर जो अपने बाल का प्रदर्शन   सकता था उसका श्री राम के सामने बखान उन्होंने खुद  की सराहन में ना करके वो सर श्री राम का आशीर्वाद   बताया यही उनका बड़प्पन था क्योंकि हनुमान  जी विनम्र स्वभाव के बिना क्रोध के और बिना   एगो के अपना कम करने में विश्वास रखते थे अगर  आप में कुछ स्पेशल है आप लोगों से हटकर कुछ कर लोगों की भलाई में अपनी पावर का इस्तेमाल कर  जितना झुक कर रहेंगे ना उतने ही आपकी पावर और  पहचान बढ़नी रहे हनुमान जी को पुरी रामायण में  कहानी भी क्रोधित होते हुए आपने नहीं देखा होगा   बड़ी ही विनम्रता से हर कार्य को पूरा करना उनका  सबसे खास गन था जिससे लोगों को सीखने की जरूर है


गुस्सा आज के समय कहा एक ऐसा अवगुण है जो बने बनाए  कम को बिगाड़ देता है एगो और हैंगर आपकी पावर आपकी   पहचान को खत्म कर दें क्रोध करने से आपकी नॉलेज की  एफिशिएंसी कम हो जाति है इसलिए विनम्र बने हंबल बने   एक नंबर पांच जो हमें हनुमान जी से सीखने को मिलती  है प्लानिंग और एग्जीक्यूशन एन गुड प्लानिंग विद गुड   टीम मैनेजमेंट हनुमान जी को जो भी कम दिया जाता था  ना उसको करने के लिए वो सबसे पहले एक प्लेन बनाते  थे फिर इस प्लेन के अकॉर्डिंग कम करते थे जब हनुमान  जी को श्री राम ने माता सीता के पास अंगूठी लेकर के   भेजो तो केवल यह कहा था इस सीता से कहना की राम जल्द  ही आपको लेने लंका आएंगे परंतु स्थिति की नजाकत को   देखते हुए हनुमान जी ने अपने इन सभी कार्यों को  अंजाम देने के लिए उन्होंने सबसे पहले एक योजना   बनाई फिर रावण जैसे लोगों के बीच विभीषण जैसा  एक सज्जन राम भक्ति भी ढूंढा लंका में आज लगाकर   रावण को दारा दिया और अशोक वाटिका में रावण के सबसे  छोटे पुत्र अक्षय कुमार का वध भी करना उसके बाद माता   सीता का पता लगाया और प्रभु श्री राम द्वारा दी गई  अंगूठी उन्हें सोप जिसे सीता माता इतनी खुश हुई जब   राम का एक भक्ति ऐसा हो सकता है तो पुरी सी कैसी  हो उनके मां में विश्वास आया की वो जल्द ही वहां   से चली जाए ये हनुमान जी की एक पुरी रणनीति की और  इस अंकित करता है यह सब उनकी प्लानिंग का नतीजा था   है तो आप भी अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रहे  हैं तो किसी भी कम को करने से पहले उसकी पुरी   एक कार्य योजना उसका मैप उसका ब्लूप्रिंट तैयार  करो की हमें यह कम कब करना है कैसे करना है इसके   पहले क्या करना है इसके बाद में क्या करना है इस कम  में कितनी मेहनत और कितना टाइम ग सकता है प्लानिंग   आपके दिमाग में रहेगी ना तो वो कम अच्छे से कंप्लीट  होने की पॉसिबिलिटी भी बाढ़ जाएगी प्लेन सर नथिंग  बट प्लानिंग इस एवरीथिंग प्लेन तो बहुत सारे लोगों  के होते हैं लेकिन प्लानिंग क्या है वो इंपॉर्टेंट   टीम क हनुमान जी और उनकी टीम ने लंका जान के लिए  रास्ता बनाने में जो योगदान दिया था ना वह उनके   टीम मैनेजमेंट का सबसे बेस्ट एग्जांपल आपके पास  भी ऐसे कई कम होंगे जो आपको अकेले करने में बहुत   मुश्किल आई है


इसलिए कई बार टीम क रिजल्ट ना बहुत  अच्छे आते हैं आपको बस अपने टीम सिलेक्ट करते टाइम   ध्यान देना है की जैसा कम आप उनसे करवाना चाहते  हैं वैसी उनमें कैपेबिलिटी हो या फिर उनमें सीखने   की कैपेबिलिटी हो उनमें एटीट्यूड हो कम करने और  आपका आपस में विश्वास हो की हम सब किसी एक के  लिए ऑनेस्टली कम कर अगर किसी एक मकसद के लिए कम  कर किसी एक बंदे के लिए कम नहीं कर रहा है ग्राम   अकेले इतना कर सकते हैं तो सब मिल्क कितना कर सकते  हैं सिख नंबर छह नीडल बानो विकम फीयरलेस [संगीत]   अगर हनुमान जी अपने सामने आने वाली बढ़ाओ रक्सन से  डर जाते हैं तो एक विशाल समुद्र पर करके वो कभी लंका   नहीं पहुंच पाते ना लंका से कभी वापस लोट पाते ना  वो संजीवनी बूटी के लिए पूरा पहाड़ उठाकर ला पाते   और ना ही वह समुद्र पर सेतु बनाने की सोच पाते  ये सब कम उन्होंने बिना किसी डर के इस विश्वास   से किया की ये वो कर सकते हैं करके तो देखते हैं  फिर जो होगा देखा जाएगा या तो कम हो जाएगा या फिर  दोबारा कोशिश करेंगे डर की वजह से अगर किसी कम को  शुरू नहीं किया आपने तो ये आपकी सबसे बड़ी गलती है   ज्यादा से ज्यादा क्या हो सकता है आप फेल हो सकते  हो आपको दो कर बार ज्यादा ट्राई करना पद सकता है   लेकिन एटलिस्ट आप उसे कम को कर रहे हैं डर कर पीछे  नहीं डर कैसे भी प्रॉब्लम सॉल्यूशन करने से मिलता है   उसे उससे डरने से उसको देखने से नहीं मिलता डू  नोट फेयर फेलियर आर से मत डर बल्कि कोशिश नहीं   करने से डरो जो की हारने में ज्यादा तकलीफ नहीं है  कोशिश नहीं करने में ज्यादा तकलीफ है सिख नंबर साथ   जो हमें हनुमान जी से सीखनी चाहिए एन गुड लीडर और  गुड फॉलोअर और डी से टाइम एक अच्छा लीडर होना और एक   अच्छा फॉलोअर होना एक ही समय पर यह बहुत बड़ी बात  है हनुमान जी ने प्रभु श्री राम की सहायता के लिए   पुरी वानर सी का मार्गदर्शन किया अपने वानर सी के एक  अच्छे लीडर और श्री राम के वो एक बेहतरीन विश्वसनीय   फॉलोअर थे एक बहुत बड़े सबसे बड़े भक्ति थे एक सबसे  अच्छा लीडर और एक सबसे अच्छा भक्ति यानी की दो एकदम   अपोजिट टाइप की क्वालिटीज उनमें पुरी वानर सी को साथ  में लेकर चलने वाली इस लीडरशिप कैपेसिटी के बड़े में   श्री राम तो पहले से ही जानते थे हनुमान जी ने  बड़े कुशलता से अपनी सी का मार्गदर्शन किया था


तब जाकर वे लंका तक का मार्ग ते कर पे पुरी वानर सी  की सहायता से राम सेतु बनाना एक बेस्ट मैनेजमेंट और   बिना किसी वादा के समुद्र पर करवाना उनकी कुशलता को  बताता है लॉयल्टी और सिंसेरिटी हनुमान जी परम बलशाली   उन्होंने अपने बाल का उपयोग धर्म के लिए प्रभु  की सेवा के लिए उन्होंने कभी भी ऊंचा पद अपने की   लालसा नहीं की वो प्रभु के ईमानदार सेवक बन के रहे  और सेवक रहते हुए प्रभु के आशीर्वाद से ईश्वर का   पद प्राप्त यहां हनुमान जी से आप यह सिख सकते हैं  अगर आप किसी टीम के लीडर हैं या आपका कोई लीडर है   जैसे भी आप कम कर रहे हैं सिंसेरिटी से लॉयल्टी से  ट्रस्ट रखते हुए बिना किसी लालच के बिना किसी चीटिंग   है अपना कम ऑनेस्टी करें जिसके लायक आप वो तो आप  बन ही जाओगे नाम और पहचान छीना नहीं जाते हैं यह  कमाई जाते हैं खुद बनाए जाते हैं ईमानदारी से मेहनत  करके सो वे लॉयल सिंसेरे ऑनेस्ट और गुड लीडर स वेल   आगे गुड पर जो ठीक नंबर आठ नो अचीवमेंट नो रेस्ट जब  तक मिलेगा नहीं तब तक रुकूंगा नहीं ये कॉन्सेप्ट हनी   चाहिए आपकी लाइफ में जब हनुमान जी माता सीता की खोज  में लंका की तरफ जा रहे थे तो समुद्र ने उनसे मेहनत   पर्वत पर आराम करने के लिए कहा लेकिन हनुमान जी ने  माना कर दिया और उनका मां रखना के लिए हनुमान जी मैं   पर्वत के हाथ लगाकर अपने लक्ष्य की और बाढ़ गए की  देखो मैंने हाथ लगा लिया अब हो गया आराम अब मैं आगे   बढ़ता हूं इसे ये सीखने को मिलता है की जब तक लक्ष्य  की प्रताप ना हो हमें नहीं रुकना चाहिए उठो जागो और   तब तक मेहनत करते रहो जब तक आपको अपनी मंजिल मिलन  जाए साथ ही आपके कम में जो आपकी हेल्प करें उसका   आधार सम्मान उसका शुक्रिया करना ना भोले सेठ हैं सिख  नंबर नो स्ट्रेस फ्री रहकर कम करना है तनाव मुक्त   रहकर कम करना है जिंदगी जी ने श्री राम के साथ आगे  बढ़ते हुए पग-पग पर संकट आए वे संकट ऐसे थे जिसे कोई   भी व्यक्ति घबरा जाता और हर मां करना उल्टे पर वापस  लोट जाति है


लेकिन हनुमान जी हनुमान जी हर स्थिति  में चिंता मुक्त रहे है ना मेरे साथ श्री राम मुझे  क्या फिक्र है अपने मां को इतना कठोर स्टेबल रखा   की उनके टीम को उनके चेहरे पर बिल्कुल भी तनाव नहीं  दिखा क्योंकि हनुमान जी को पता था की अगर लीडर ये हर   मां लगा अगर वो खुद ही हर मां लेंगे अगर सेनापति हर  मां लगा तो सी तो पीछे है ही जाएगी ना हर कार्य को   हंसी खुशी से और सीरियस ना लेते हुए एक खेल की तरह  उन्होंने कंप्लीट किया उनके चिंता मुक्त रहने का   अर्थ है की पुरी वानर सी का चिंता से मुक्त है इससे  यह सीखने को मिलता है की आप कितना ही हार्ड क कर रहे  हो या कोई इंटरव्यू दे रहे हो तब अगर आप घबरा गए ना  तो वहां तक आने में जितनी मेहनत और समय लगा आपको वो   पूरा वेस्ट हो जाए इसलिए पैशन से कम पर स्ट्रेस  लेने से कौन से स्टेशन और मेमोरी वीक होती है फिर   वो रिजल्ट नहीं ए पाते जो आपको चाहिए और इस बात का  कोई और फायदा उठा सकता है इस बात को हमेशा ध्यान में   रखो की अगर आपने अच्छा कम किया है


अपना हंड्रेड  परसेंट दिया तो उसका नतीजा भी अच्छा आने वाला हनुमान जी से सीखने को मिलती है बेस्ट कम्युनिकेशन  स्किल जब माता सीता अशोक वाटिका में थी तो हनुमान जी   संदेश लेकर मां सीता के पास में लेकिन सीता उनको  पहचानती नहीं थी तो उन्होंने पहले विश्वास नहीं  किया की वो राम के द्वारा भेजें गए संदेश वहां  है लेकिन हनुमान जी ने अपने संवाद कौशल यानी की   कम्युनिकेशन स्किल से उनको विश्वास दिलाई दिया की वो  राम के दूध ही हैं आज के समय में बेहतर कम्युनिकेशन   स्किल सक्सेसफुल करियर की गारंटी है


तो आर्ट ऑफ  कम्युनिकेशन इसे डी लैंग्वेज ऑफ लीडरशिप जो बोलना   है वो बिकता है मार्केट का फंडा है यानी एक अच्छी  कम्युनिकेशन स्किल से आप अपने करियर को हाय लेवल तक   ले जा सकते हो कम्युनिकेशन स्किल हमारी पर्सनालिटी  इंप्रूवमेंट का एक इंपॉर्टेंट पार्ट आप खुद को कैसे   रिप्रेजेंट करते हैं कैसे सामने वाले को खुद पर  विश्वास दिलाते हैं की जो आप का रहे हैं वो आप कर   सकते हैं और सामने वाले का आपकी बात पर विश्वास करना  ही अच्छी कम्युनिकेशन स्किल का रिजल्ट सिख नंबर 11   आदर्श से सभी कोई समझौता नहीं कंप्रोमाइज विद योर ऑन  एथिक्स जब अशोक वाटिका में मेघनाथ ने हनुमान जी पर   ब्रह्मास्त्र चलाया ना तो हनुमान जी ने ब्रह्मास्त्र  का सम्मान करते हुए हाथ जोड़कर उसका आघात शैलियां वो   चाहते तो ब्रह्मास्त्र तोड़कर निकाल सकते थे लेकिन  वो ब्रह्मास्त्र का मां कम नहीं करना चाहते इसलिए   अपने आदर्श का सम्मान करें उन पर आदि रहे जब रावण की  सोनी की लंका को जलाकर हनुमान जी दोबारा सीता जी से   मिलने पहुंचे तो सीता जी ने कहा की पुत्र हमें यहां  से ले चलो इस पर हनुमान जी ने कहा की मैं आपको लेकर   तो चल सकता हूं यहां से लेकिन मैं नहीं चाहता की मैं  आपको रावण की तरह यहां से चोरी करके ले जाऊं रावण का   वध करने के बाद पूरे सम्मान के साथ आपको प्रभु श्री  राम ही आधार सहित यहां से लेक जाए और यही आदर्श अपने   आदर्श से कभी समझौता नहीं यू शुड नेवर कंप्रोमाइज  ऑन योर मोरल प्रिंसिपल्स जब तक पॉसिबल हो आपको वही   कम करना चाहिए जो आदर्श हो जिससे किसी का नुकसान  नहीं तो साथियों ये थी वो 11 बातें जो आपको भगवान  श्री हनुमान जी से सीखने की जरूर है हम सभी उनकी  पूजा करते हैं लेकिन कुछ अगर सिख लेने तो हमारी   जिंदगी ज्यादा बेहतर होगी ज्यादा बेहतर हो बिना  हनुमान जी के आप रामायण की कल्पना नहीं कर सकते   यानी की हनुमान जी के बिना रामायण अधूरी है वैसे ही  इन बटन को सीखे बिना आपका जीवन भी अधूरा है उम्मीद   करता हूं की श्री राम और हनुमान जी से मिली हुई इन  सिख को आप अपने जीवन में अप्लाई करके देश में अपना   ही नहीं बल्कि दुनिया में देश का नाम रोशन करें जय  हिंद वंदे मातरम जय बजरंगबली जय श्री राम


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