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बुद्धि कैसे बांधी जाती है? और कैसे ठीक करी जाती है ||

आपको बताएंगे बुद्धि बंधन क्रिया के बारे में कि किस प्रकार की यह क्रिया है किस प्रकार के इसमें लक्षण मिलते हैं और कौन लोग आप पर यह क्रिया को करवा देते हैं और कैसे इसे ठीक भी किया जा सकता है क्योंकि आजकल कई लोग तो ऐसे हैं जिनको यह तक भी पता नहीं है कि उनकी बुद्धि बंधन किया है या फिर नहीं किया है क्योंकि उन्हें लक्षण के बारे में नहीं पता है तो दोस्तों इस वीडियो में बिल्कुल विस्तार से हम आपको बताएंगे कि किस-किस प्रकार के लक्षण बुद्धि बंधन क्रिया में प्राप्त होते हैं कैसे यह क्रिया को किया जाता है और कैसे इसे ठीक भी किया जा सकता है  टॉपिक है बुद्धि बंधन क्रिया के बारे में और इसके नाम से भी बिल्कुल स्पष्ट है कि यह बुद्धि बंधन क्रिया है यानी कि बुद्धि बंधन इसमें हो जाता है जिस भी व्यक्ति के साथ अगर यह बुद्धि बंधन क्रिया होती है Aghori ji rajasthan

उसे किस प्रकार के लक्षण प्राप्त होते हैं यह आप सबसे पहले जान लें क्योंकि अगर किसी व्यक्ति की बुद्धि बंधन क्रिया हो गई हो तो उसके साथ यह होता है कि उसके मन में बहुत ही ज्यादा बहुत सारे ख्याल और विचार इतनी तेजी से आते हैं कि जिन्हें वह कंट्रोल तक भी नहीं कर पाता है जब भी आपके साथ ऐसा हो कि आपके दिमाग में इत इतने ज्यादा ख्याल इतने विचार आने लगे कि आप उन्हें कंट्रोल तक भी ना कर पाएं और वह ख्याल वह विचार आपके दिमाग में इतनी ऊर्जा को बनाने लगे कि आपके सर में दर्द होने लगे तो आप समझ जाएं कि यह बुद्धि बंधन क्रिया के लक्षण हैं और सबसे मुख्य बात तो यह है कि जितने भी विचार आते हैं जितने भी ख्याल आते हैं बिल्कुल टोटल इतने ज्यादा नेगेटिव आते हैं कि उस व्यक्ति को यह तक भी समझ में नहीं आता है

कि आखिर वह इतना गंदा इतना नेगेटिव इतना बुरा आखिर सोच कैसे सकता है तो ऐसा जब भी उसके मन में आता है तो वह सबसे एक बड़ी गलती यह करता है कि अपने विचारों को नेगेटिव से पॉजिटिव करने की कोशिश करता है और जब भी ऐसे करता है तो उसके और नेगेटिव विचार और दुगनी तेजी से आना शुरू हो जाते हैं ये बड़ी ही ज्यादा मुख्य बात है क्योंकि अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बुद्धि बंधन
क्रिया होती है तो वह इस बात को भलीभांति समझ सकता है कि जितना ज्यादा वह रोकने की या उन्हें बदलने की कोशिश करता है उतना ही ज्यादा और नेगेटिव होता चला जाता है क्योंकि यह एक बुद्धि बंधन क्रिया होती है तो सामने वाले जिस भी व्यक्ति ने किसी शत्रु ने किसी ने भी अगर आप पर यह क्रिया करी है तो वह कभी भी आपको पॉजिटिव सोचने नहीं देता है जब भी ऐसा होता है यह केवल इसीलिए किया जाता है जिससे आपकी बुद्धि को बांध दिया जाए आप नेगेटिव सोचते जाएं आप परेशान होते जाएं और केवल शत्रु ही तो इन सारी चीजों को करवाते हैं इसलिए शत्रु से दूर रहना बेहद अनिवार्य होता है अब दोस्तों सबसे पहली चीज तो आप यह समझिए कि जब भी आप किसी किसी व्यक्ति से दोस्ती करते हैं

तो उस दोस्ती के साथ शत्रुता भी मुफ्त में प्राप्त होती है क्योंकि अगर कोई भी आपके व्यक्ति कोई भी आपके जीवन में शत्रु बनता है तो वह केवल किसी जमाने में आपका दोस्त रहा होता है या आपका अपना होता है आपका कोई रिश्तेदार होता है आपके अपने ही लोग होते हैं केवल वही शत्रुता का स्वभाव रखते हैं इस बात को भी यह समझिए कि अगर कोई व्यक्ति आपसे बिल्कुल अनजान है तो वह क्यों आखिर आपसे शत्रुता का स्वभाव करेगा क्योंकि उसकी दुनिया बिल्कुल अलग है आपकी बिल्कुल अलग है तो आखिर वह क्यों आपको परेशान करेगा इसलिए अपने ही जो लोग होते हैं अपने ही परम मित्र कभी रहे होते हैं या अपने ही कोई क्लोज होते हैं जब आप बहुत ज्यादा तरक्की करते हैं कामयाबी की ओर बढ़ते हैं तो इस प्रकार के शत्रु बहुत आसानी से और जीवन में रास्तों में जगह-जगह प्राप्त होते हैं और आप यह खुद सोच के देखिए जब आप किसी से बड़ा बनने लगते हैं कामयाब होने लगते हैं तभी केवल सामने वाले व्यक्ति की शत्रुता और ज्यादा प्रचंड होने लगती है जैसे कि कहीं से आपके पास पैसे आ जाएं आपकी नौकरी बहुत अच्छी चलने लगे आप बिल्कुल सुखी जीवन बिताने लगे तो अपने ही लोग एक शत्रुता का स्वभाव करने लग जाते हैं और यह आजकल बिल्कुल एक आम जैसी समस्या हो गई है

कि इस चीज से 80 पर लोग आजकल की दुनिया में इतने ज्यादा परेशान रहते हैं कि बाहर तो उन्हें बिल्कुल सुकून की प्राप्ति होती है लेकिन जैसे ही अपने घर में आते हैं तो उनके एक सर में दर्द सा होने लगता है या कभी अपने रिश्तेदारों से बात करते हैं उनके बार उनको देखते हैं तो एक जलन की भावना सी आने लग जाती है तो इस प्रकार के आजकल लोग हो गए हैं और इसी के कारण यह बुद्धि बंधन क्रिया स्तंभन उच्चाटन यह जितनी क्रिया होती है तांत्रिक क्रियाएं होती हैं और जब किसी व्यक्ति पर हो जाए तो उसकी बिल्कुल एक दुर्गति की तरह हो जाती है जैसा कि हमने आपको बताया पिछले काफी वीडियोस में बताया है कि इंसान के शरीर में उसका जो दिमाग होता है वह सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता है और उसी शक्तिशाली चीज को अगर कोई बांध दे तो आप खुद ही सोच सकते हैं कि कितनी ज्यादा भयंकर चीजें उस व्यक्ति के साथ जीवन में होने लग जाती है सबसे पहली चीज तो यही है कि इतने भयंकर टोटल नेगेटिव विचार उसके जीवन में आते हैं दूसरी चीज यह है

कि उसको सोने में बहुत ज्यादा दिक्कत होने लगती है खाने में पीने में यानी हर एक चीज में उसे  बहुत दिक्कत होने लगती है अगर वह पहले बहुत लोगों से बात करता था हंसता था खेलता था एंजॉय करता था तो एकदम से ही उसकी दुनिया से बिल्कुल पलट जाती है लोगों से वह भागने लगता है क्योंकि उसे पता है कि उसका दिमाग ही बिल्कुल कंट्रोल में नहीं है क्या वह बोल दे क्या वह कर दे तो इन चीजों से डरते डरते वह बहुत ज्यादा एक डर के जैसा जीवन जीने लग जाता है और अपने आप को बिल्कुल आइसोलेट कर लेता है अब आप यह सोचिए कि अगर कोई व्यक्ति सही से खा नहीं पा रहा है टीवी तक नहीं देख पा रहा है गाने तक नहीं सुन पा रहा है तो आखिर क्या वह कार्य कर सकता है जब वह सही से सो ही नहीं पा रहा है तो क्या काम करेगा इसीलिए यही वजह होती है कि अगर किसी व्यक्ति पर तंत्र क्रिया हो जाती हैं तो वह बिल्कुल काम नहीं कर पाता नौकरी सही से नहीं कर पाता करने की कोशिश करता है उसके शरीर में बहुत ज्यादा थकावट बनने लग जाती है अब जब किसी के शरीर में थकावट होगी तो आखिर वह कैसे काम करेगा तो इतनी सारी चीजें उस व्यक्ति के साथ होने लगती है उसकी आंखों में खास कर की अगर किसी के ऊपर बहुत भयंकर तंत्र क्रिया करी गई हो तो उस व्यक्ति की आंखों में कान में दर्द रहता है उसके सर में दर्द रहता है उसके गले में दर्द रहता है और खास कर के जब वह सोता है तो उसे यह लगता है aghori ji rajasthan

कि उसकी छाती पर कोई बैठ गया है उसके पेट को कोई दबा रहा है खास कर कि उसे खाना पचने में बहुत ज्यादा दिक्कत होने लग जाती है क्योंकि यह जितनी भी क्रियाएं होती हैं तांत्रिक क्रियाएं होती हैं खास करके यह बुद्धि बंधन वाली उच्चाटन वाली स्तंभन वाली यह जितनी क्रियाएं होती हैं बहुत ज्यादा भयंकर होती हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है क्योंकि नेगेटिव होती है और नेगेटिव चीजों को आसानी से करा भी जा सकता है और यही वजह है क्योंकि आजकल प्रयोग इजली अवेलेबल है तंत्र इजली अवेलेबल है हर कोई कर सकता है और हर कोई कर भी रहा है तो
आपस में एक दूसरे पर ही ऐसी चीजों को प्रयोग कर लेते हैं इस्तेमाल कर लेते हैं और इसके बारे में उन्हें जो करता है उसे भी इतना नहीं पता होता है कि इतना ज्यादा उस व्यक्ति को सामना करना पड़ सकता है अब यह सारी चीजें सारे लक्षण हम इसलिए बता पा रहे हैं क्योंकि जब हमें लोग मैसेज करके पूछते हैं और अपने इन चीजों के बारे में बताते हैं तो हमें भी हैरानी होती है तो हम जानते हैं क्योंकि बुद्धि बंधन में स्तंभन में तंत्र क्रियाओं में इसी प्रकार के लक्षणों की प्राप्ति होती है कई लोगों के साथ तो ऐसी-ऐसी चीजें होती हैं कि उन्हें अदृश्य चीजें भी दिखाई देने लग जाती हैं क्योंकि उस व्यक्ति की बुद्धि को बांध लिया जाता है तो उस व्यक्ति को अब चाहे जो मर्जी दिखाया जाए वह उसे बिल्कुल सच जैसा और बिल्कुल स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगता है और यही वजह है कि उसके मन में बहुत ज्यादा डर उत्पन्न होने लग जाता है

उसके शरीर में दर्द होने लग जाता है चिंता वो बहुत ज्यादा करने लगता है तरह-तरह की दवाइयां तरह-तरह के नशे करने लग जाता है और इसी की वजह से उसकी परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है तो यह इस प्रकार के आम बिल्कुल बेसिक लक्षण हमने आपको बताए हैं वैसे इसके लक्षण और भी बहुत सारे होते हैं जैसे कि कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि जब व सो रहे होते हैं तो उन्हें इस तरीके से लगता है कि उनकी कमर पर कोई चढ़ रहा है उनके पैरों पर कोई रंग रहा है इस तरीके की चीजें भी बहुत लोगों के साथ होती हैं तो इतनी भयंकर यह क्रियाएं होती हैं तो यह हमने आपको लक्षण बताए हैं कि जब इसकी शुरुआत होती है तो इसकी शुरुआत केवल विचारों से शुरू होती है तो जब भी आपको ऐसा लगता है कि आपके विचार आउट ऑफ कंट्रोल हो रहे हैं तो आप यह समझ जाएं कि आपकी बुद्धि बंधन हो गया है किसी ने कर दिया है और कई बार ऐसा भी होता है कि नेगेटिव शक्तियां होती हैं किसी शत्रु ने अगर ना भी करवाया हो कई बार ऐसा भी होता है

कि पिछले कर्मों की वजह से या पिछले पाप की वजह से बुरी शक्तियां पकड़ लेती हैं जैसे कि आपने कई लोग ऐसे देखे होंगे कि किसी सुनसान जगह पर गए और जब लौटे तो बिल्कुल ही अलग हो गए उनके ऊपर पूरी नेगेटिव शक्तियां हावी हो गई इस प्रकार से भी होता है तो इसमें लक्षण किस-किस प्रकार के मिलते हैं सबसे पहला तो यही है कि विचार उसके आउट ऑफ कंट्रोल होते हैं उसे सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब जब भी किसी भी व्यक्ति के साथ बुद्धि बंधन हो जाता है कोई नेगेटिव शक्ति उसके ऊपर हावी हो जाती है तो सबसे पहले उसे ही पता लग जाता है कि उसके साथ कुछ ना कुछ गलत हो गया है अब यह
संकेत हमारी आत्मा ही देती है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग इस पर बिलीव नहीं करते हैं और यही वजह है कि अपने जीवन में फिर वह परेशान रहते हैं हमारी जो आत्मा होती है एक प्रकार का यंत्र होती है क्या अच्छा होने वाला है क्या बुरा होने वाला है यह सारी चीजों को वह जानती है स्वपन तक में भी वह सारी चीजों को दिखाती भी है और लोग इन चीजों को समझ नहीं पाते हैं तो अब दोस्तों आपने यह तो जान लिया है कि कैसे यह क्रिया होती है कौन इन्हें करवाता है और किस-किस प्रकार के लक्षण की प्राप्ति होती है अब सबसे आखिरी बात यह है कि अगर जब भी आपको पता लग जाए कि आप पर तंत्र
क्रिया कोई बुद्धि बंधन क्रिया स्तंभन मारण क्रिया उच्चाटन क्रिया हो चुकी है तो कैसे इससे बचना है तो हम आपको बताना चाहेंगे कि आपको बिल्कुल भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है इस परेशानी को बड़ी इजली और बहुत तेजी से बहुत आसानी से ठीक किया जा सकता है यह समझ लीजिए कि जितने भयंकर इसके लक्षण होते हैं उतने ही आसान इसे ठीक करना होता है परेशानी और समस्या केवल इतनी सी है कि बहुत सारे लोग इसे जानते ही नहीं है इतने विस्तार से जैसे हमने आपको इस वीडियो में बताया है इतने सारे लक्षण बताए हैं और काफी लोगों के साथ ऐसा होता होगा तो यह परेशानी आखिर क्या है
इसी चीज को बहुत लोग नहीं समझते हैं और समझते भी हैं तो उन्हें यह नहीं पता होता है कि कि इस परेशानी को आखिर ठीक कैसे करना है जिस आसानी के साथ यह परेशानी घेर लेती है उसी आसानी के साथ यह परेशानी बिल्कुल डर कर खत्म हो जाती है भाग जाती है यानी के और यह भी जान लीजिए कि एक बार अगर आप इस परेशानी से निकल गए तो जीवन में फिर कभी भी आप पर यह परेशानी नहीं होती है तो मंत्र विज्ञान में और तंत्र विज्ञान में सबसे प्रचंड जो देवी हैं वह महाकाली हैं और 10 महाविद्या की जो उग्र देवी हैं क्योंकि 10 महाविद्या द्या में सौम्य देवी और उग्र देवी दोनों प्रकार की देवी होती
हैं जो उग्र देवी हैं जैसे महाकाली बगलामुखी छिन्नमस्ता धूमावती यही इसकी तंत्र काट भी है यानी कि जितनी भी यह क्रियाएं हैं जितनी नेगेटिव क्रिया हैं भूत प्रेत की बाधाएं हैं इन्हीं मंत्र विज्ञान से यह ठीक भी हो सकती हैं और धूमावती तो इतनी प्रचंड साधना है कि अगर इसके प्रयोग आपने कर लिए तो यह समझ लीजिए कि शत्रु आपका बाल तक बांका नहीं कर सकता है और यहां तक कि किसी भी प्रकार की तंत्र क्रिया किसी भी प्रकार का भूत प्रेत आपको परेशान करना तो दूर की बात है अगर आप कहीं पर चले जाएंगे तो वह खुद ही आपसे डर कर भाग जाएगा आप कितना भी उन्हें बुलाएंगे वह
आपसे ऐसे डर के भागेंगे जैसे शेर को देख के हिरण भागता है तो यह शक्ति केवल धूमावती साधना से प्राप्त होती है छिन्नमस्ता साधना से भी प्राप्त होती है और खास कर के बगलामुखी साधना महाकाली की साधना करने से भी प्राप्त होती है लेकिन इनमें सबसे प्रचंड जो साधना होती है वह धूमावती साधना होती है और काफी एडवांस यह साधना होती है केवल इतनी ही शक्ति नहीं उस व्यक्ति को और भी बहुत सारी शक्तियों की प्राप्ति होती है जैसे कि सबसे पहली चीज तो यह है कि वह बिल्कुल फिजिकली इतना स्ट्रांग हो जाता है कि उसे बीमारियां बिल्कुल भी नहीं घेर अगर वह ठंड में
बिल्कुल बिना कपड़ों के भी खड़ा हो जाएगा तब भी उसे ठंड बिल्कुल नहीं लगेगी और बिल्कुल भी वह बीमार नहीं पड़ेगा फिजिकली व बहुत ज्यादा स्ट्रांग हो जाता है और जिन-जिन चीजों को अपने मन में वह कामना करता है सोचने लगता है कि उसे बहुत धन की प्राप्ति हो उसे यह चीज प्राप्त हो उसे वो प्राप्त हो तो बहुत तेजी से उसके जीवन में वह सारी चीजें आने लगती हैं वैसे तो इसके लाभ बहुत सारे हैं उसके लाभ के बारे में बताएंगे तो वीडियो बहुत लंबा हो जाएगा इस प्रयोग के बारे में जान लें कि धूमावती साधना का प्रयोग किस प्रकार करना है वैसे तो इस प्रयोग को करने के लिए भी धूमावती
साधना को करना बेहद अनिवार्य है लेकिन फिर भी आप इस प्रयोग को करके लाभ उठा सकते हैं अगर आपकी परेशानी शुरू हुई है या थोड़ी है तो आप इस प्रयोग को करना बिल्कुल शुरू कर दें जिससे यह परेशानी बिल्कुल भी आगे ना बढ़े इस परेशानी को सबसे पहली चीज तो आप यह समझ लीजिए कि इस परेशानी से डरना बिल्कुल बंद करिए क्योंकि इस परेशानी को तेजी से और आसानी तरीके से ठीक किया जा सकता है इतनी तेजी से किया जा सकता है कि मात्र 10 दिन में 15 दिन में यह परेशानी पूरी तरीके से ऐसे ठीक हो जाती है जैसे बिल्कुल कभी हो ही ना यह चीज इतने विश्वास से हम इसलिए आपको बोल पा रहे हैं क्योंकि
ऐसे बहुत सारी परेशानियों के साथ लोगों को हमने ठीक होते हुए और करा है और बिल्कुल उस स्थिति में लोग वापस पहुंच जाते हैं ठीक होने के पश्चात जैसे वह पहले थे यानी कि इस परेशानी का 1 परट भी प्रभाव दोबारा ना तो उत्पन्न होता है और ना ही उस प्रकार की चीजें उस व्यक्ति के साथ फिर होती हैं अब एक बार वह व्यक्ति अगर ठीक हो गया तो बस ठीक हो ही जाता है और आपने खुद भी काफी लोगों को देखा होगा जो बताते होंगे कि उन पर तंत्र क्रिया हुई थी भूत प्रेत की क्रिया हुई थी किसी भूत ने उन्हें पकड़ लिया था और जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें बिल्कुल डर लगना बंद हो जाता है

फिर उन्हें किसी भी प्रकार से किसी भी चीज से जीवन में डर नहीं लगता है क्योंकि हर प्रकार के डर को वह जीत के आगे निकल चुके हैं तो दोस्तों यह बहुत ही विस्तार से हमने आपको बताया है अब इसे ठीक करने का जो मंत्र है वह आप जान लें धूम धूम धूमावती ठा ठा इसका मंत्र है धूमावती साधना का जैसा कि हमने आपको बताया कि धूम धूम धूमावती ठा ठा जब आप बोलते हैं तो इसे जब आप बोलते हैं तो शरीर में हमारे एक हथौड़े ज सा प्रभाव पेट पर होता है क्योंकि अगर किसी व्यक्ति के साथ यह परेशानी होती है तो सारी उसकी परेशानी उसके पेट में और उसकी चेस्ट में जितनी नाड़ियों होती हैं
उनमें बीच में फंस जाती है इसीलिए यही वजह है कि जो व्यक्ति इन परेशानियों से परेशान हो रहा होता है उस व्यक्ति की पाचन क्रिया बिल्कुल बंद हो जाती है उस व्यक्ति की चेस्ट बहुत ज्यादा हैवी रहने लग जाती है बहुत ज्यादा वीक सा महसूस करने लग जाता है और उसका हाजमा ठीक नहीं रहता है तो जब आप इस मंत्र को बोलते हैं धूम धूम धूमावती ठा ठा जैसा हमने आपको बताया ठा ठा जब आप बोलते हैं तो आपको जोर डालना है जिससे वह हथौड़ा आपके पेट में चलने लगे जो आपने जकड़न और अकड़न बना ली है और जो उस परेशानी की वजह से बन गई है वह टूट सके अगर इस मंत्र की साधना को एडवांस तरीके से
किया जाता है तो तुरंत उसी समय से यह क्रिया कार्य करना शुरू कर देती है लेकिन अगर आपकी परेशानी कमजोर है और आप नए-नए इस परेशानी में फंसे हैं तब इस मंत्र क्रिया को जो यह छोटा सा प्रयोग हम आपको बताएंगे इसको करके आप लाभ उठा सकते हैं जैसे कि जब भी आपको लगता है कि ऐसी परेशानियों ने आपको घेर लिया है किसी ने कुछ कर दिया है अब शत्रु कुछ करने वाला है और यह चीज तभी कार्य करती है जब परेशानी छोटी होती है जब परेशानी बहुत ज्यादा बड़ी हो जाती है तो उसके लिए तो फिर ऑपरेशन ही करना पड़ता है एडवांस साधना ही करनी पड़ती है

लेकिन आप इस प्रयोग को करके लाभ उठा सकते हैं आपको केवल इतना करना है कि एक शीशे का गिलास लेना है उसमें पानी भरना है और पानी उसमें गर्म आपको भरना है इतना गर्म भरना है कि उसे आसानी से आप पी सकें उस शीशे के गिलास में पानी को भरके धूम धूम धूमावती ठा ठा मंत्र का जाप कम से कम 15 मिनट आपको करना है मैक्सिमम आधा घंटा एक घंटा किया जा सकता है ऐसा करने के पश्चात उस पानी को धीरे-धीरे करके पी लेना है जैसे ही यह मंत्र की क्रिया को आप करेंगे आप यह देखेंगे कि आपके शरीर से आपके मन से आपके दिमाग से नेगेटिव ख्याल नेगेटिव विचार दूर होने लगे हैं और लगातार अगर दिन में तीन बार चार पाच दिन तक इस क्रिया को किया जाए तो तुरंत तेजी से वह व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है

वैसे तो धूमावती साधना सभी को करनी चाहिए क्योंकि आजकल शत्रु बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं और तंत्र क्रिया ना जाने कौन-कौन सी क्रिया व करवाते रहते हैं जिसकी वजह से विचार इतने ज्यादा आते हैं सर में दर्द होता है नींद नहीं आती है कोई व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर पाता है तो इतना परेशान होने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है जब इन चीज जो को ठीक किया जा सकता है तो एडवांस साधना अवश्य ही करनी चाहिए अगर आपकी परेशानी बहुत ज्यादा बड़ी है

ओम नमः शिवाय हर हर महादेव


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