हर युग के साथ क्यों बदल जाती है मनुष्यों की उम्र?

मित्रों हिंदू धर्म में समय को चार युगों में बांटा गया है सतयुग त्रेता युग द्वापर युग और कलयुग कहते हैं कि हर युग की अपनी-अपनी खासियत है लेकिन बहुत ही कम लोग हैं जो उनके बारे में डिटेल में जानते हैं तो युगों के बारे में जानने के लिए वीडियो के अंत तक बने रहे नमस्कार दर्शकों स्वागत है  मित्रों सतयुग में सभी इंसानों का एक ही धर्म होता था और वह धर्म था इंसान में कोई भी स्वार्थ की भावना नहीं थी सब एक दूसरे की मदद के लिए तैयार रहा करते थे इस युग में किसी भी आदमी को कोई बीमारी नहीं होती थी इंसान अपनी सभी इंद्रियों पर काबू रख पाता था कोई किसी के गुणों में बुराई नहीं निकालता था इतना ही नहीं इस युग में व्यक्ति कभी दुखी नहीं होते थे और ना ही उनकी आंखों से आंसू आते थे और तो और इस युग में ना किसी में अहंकार होता था और ना ही किसी तरह की बुराई इस युग में व्यक्ति आपस में लड़ते नहीं थे बल्कि प्यार से मिलजुलकर एक साथ रहते थी वहीं पुराण में जिक्र मिलता है

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मित्रों कि सतयुग के आदमी बड़े ही फुर्ती होते थे उनमें किसी भी तरह का आलस्य नहीं होता था इस युग के इंसानों की सबसे बड़ी खास बात यह हुआ करती थी कि ना तो किसी से बराबरी ना ही किसी से चुगली और ना ही कोई खुद को दूसरों से ताकतवर समझता था सतयुग में सभी आदमी अपने कर्तव्यों का पालन करते थे सभी व्यक्तियों का समय धर्म कर्म करने में ही गुजर जाता था इस युग में महिला और पुरुष इन दोनों में कोई भेदभाव नहीं किया जाता था सभी वर्णों के लोगों को शिक्षा शास्त्र कला जैसे इलाकों में एक तरह का मौका दिया जाता था इस युग में इंसान की लंबाई 32 फुट हुआ करती थी और वह अपनी इच्छा के मुताबिक अपना शरीर त्याग सकते थे वहीं सतयुग की काल अवधि 17 28000 साल बताई जाती है और जब यह खत्म हुई तब नई कालखंड यानी दूसरा युग त्रेता युग शुरू हुआ था  ऐसे होते थे त्रेता युग में मनुष्य के लक्षण मित्रों इस युग में इंसान अपने कर्तव्यों का पालन करते थे


लेकिन आदमी अपने इंद्रियों पर काबू नहीं रख पाते थे त्रेता युग में व्यक्ति के अंदर स्वार्थ की भावना ने जन्म ले लिया था इस युग में व्यक्ति दूसरों की चुगली करना जलन की भावना भी थी हां लेकिन ऐसे इंसानों की संख्या काफी कम होती थी इस युग में समाज वर्णाश्रम की ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र में पटना शुरू हो गया था पुराण की माने तो इस युग में इंसानों की उम्र केवल 10000 साल होती थी और इस युग की काल अवधि तकरीबन 12 96000 साल होती थी इस युग के  खत्म होते ही द्वापर युग की शुरुआत हो गई थी द्वापर युग में मनुष्य के लक्षण कैसे होते थे लिंग पुराण के मुताबिक इस युग में इंसान अपने कर्तव्य से पीछे भागने लगता था यानी वह पूरी तरह स्वार्थी होने लगा था इस युग में इंसान अपनी खुशी को पाने के लिए बुराई का रास्ता चुनता था और अधर्म करने लगता था इस युग की बढ़ती कालावधि में इंसान के अंदर काम क्रोध लोभ जलन जैसे बुरे गुण समाने लगे थे इस युग में लोगों की पहचान कर्म से नहीं बल्कि जाति से की जाती थी यानी इस युग में ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण क्षत्रिय का बेटा क्षत्रिय वैश्य का बेटा वैश्य और शूद्र की संतानी शूद्र ही कहलाती थी द्वापर युग में इंसान की उम्र हज साल हुआ करती थी और इस युग की काल अवधि 8 64000 साल होती थी इस युग के खत्म होने पर ही कलयुग की शुरुआत हुई थी अब जानते हैं युग बदलने के साथ-साथ आदमी में भी बदलाव क्या होते थे मित्रों दरअसल सतयुग में धर्म का आधार चार पैर होता था


जो त्रेता युग में तीन द्वापर में दो और कलयुग में बस एक पैर रह जाता है जिसकी वजह से आदमी में युग के हिसाब से काम क्रोध कलेश शारीरिक बीमारी और और बराबरी बढ़ने लगती है जिस वजह से वेद शास्त्रों को आदमी छोड़ने लगता है कलयुग में आदमी अधर्मी दुराचारी क्रोधी और अल्प बुद्धि वाले होते हैं इस युग में सभी अपने कामों को पीछे छोड़ देते हैं जैसे कि ब्राह्मण वेद पढ़ना छोड़ देते हैं क्षत्रिय अपनी प्रजा की रक्षा नहीं करते हैं और लोग जप तप यज्ञ के फल तक को चंद रुपयों के लिए बेज देते हैं कलयुग की स्त्री हो या पुरुष कोई भी एक दूसरे की इज्जत नहीं करता इसके साथ ही स्वार्थ ने की वजह से हत्या चोरी बलात्कार जैसी चीजें होने लगती हैं जिस समय ऐसा होने लगा उस दिन धरती का रंग बदल जाएगा क्योंकि उस समय आदमी एक दूसरे के खून का प्यासा हो जाएगा और तो और उस समय धरती पर बस खून की नदियां ही बहेगी वहीं शास्त्रों के हिसाब से आने वाले समय में इस धरती पर उसी आदमी का जन्म होने वाला है


जो बहुत तरह के पाप कर चुके होंगे आज के समय में आप जो भी हालात देख रहे हैं मित्रों इस दुनिया में इससे भी बदतर देखने को मिलेगा आज के समय में जो भी हो रहा है यह पुराणों के अनुसार ही हो रहा है और कल जो भी होगा वह इसके ही हिसाब से होगा और तो और अब इस युग में आदमी की लंबाई 5च से 7 फुट और उम्र 70 से 80 साल रह गई है कलयुग के बारे में पहले से ही ब्रह्म पुराण में जानकारी दी गई है जी हां पुराण में लिखा है कि इस युग में आदमी की उम्र बस 12 साल ही रह जाएगी इस समय लोगों में बुराई और  दुर्भावना बढ़ेगा इस युग में जब पाप की सभी सीमाएं पार हो जाएंगी तब इस युग की उम्र बढ़ती जाएगी वैसे ही धरती की सारी नदियां सूखती जाएंगी धन का लालची आदमी किसी की भी हत्या करने से नहीं डरेगा आदमी धार्मिक काम करना बंद कर देगा गाय दूध देना बंद कर देंगी भागवत गीता में श्री कृष्ण कलयुग का वर्णन करते हुए कहते हैं


कि कलयुग में ऐसे लोगों का राज होगा जो दोनों तरफ से शोषण करेंगे बोलेंगे कुछ और और करेंगे कुछ और मन में कुछ और काम में कुछ और इसी तरह कलयुग में ऐसे लोग रहेंगे जो बड़े ज्ञानी कहलाएंगे वो ज्ञान की बात तो करेंगे लेकिन उनका आचरण राक्षसी होगा बड़े पंडित और विद्वान कहलाएंगे लेकिन वो यही देखते रहेंगे कि कौन सा इंसान मरे और हमारे नाम पर उनकी संपत्ति हो जाए इस युग में इंसान अपने बच्चों से इतना आम होगा कि ऐसी ममता की वजह से बच्चों का विकास ही रुक जाएगा किसी का बेटा घर छोड़ साधु बनेगा तो हजारों आदमी दर्शन करेंगे लेकिन अपना बेटा साधु बनने की कोशिश करेगा तो रोएंगे कि मेरे बेटे का क्या होगा इतनी सारी ममता होगी कि उसे मोह माया और परिवार में ही बांध कर रखेंगे और उसका जीवन वहीं खत्म हो जाएगा जिसका अंत बुरा होगा मित्रों कलयुग में धनाढ्य लोग लड़के लड़की की शादी में मकान के उत्सव में छोटी बड़ी खुशियों में तो लाखों रुपए खर्च कर देंगे लेकिन पड़ोस में ही अगर कोई भूखा प्यासा होगा तो उसका पेट तक नहीं भरेंगे उनका अपना कोई भूख से मर जाएगा और वह यह देखते रहेंगे दूसरी तरफ मौज मस्ती शराब मांस भक्षण सुंदरता में पैसे उड़ा देंगे लेकिन किसी के दो आंसू पोंछ भी नहीं आपको बता दें कि इस युग में मानव का मन नीचे गिरेगा उसका जीवन बुराइयों से घिरा हुआ होगा कहते हैं


कि जब इस युग में पापों की सीमा बढ़ जाएगी तब भगवान विष्ण खुद अंतिम अवतार यानी भगवान कल की अवतार लेकर सभी पापियों का नाश करेंगे कलयुग के सबसे ताकतवर करी पुरुष को हराने के लिए सात चिरंजीवी भगवान कल्की का साथ भी देंगे धर्मशास्त्र की माने तो मित्रों कहा जाता है कि तीन दिन के अंदर ही भगवान कलकी पूरी दुनिया के पापियों को खत्म करेंगे और फिर दोबारा से धर्म की स्थापना करेंगे कलकी पुराण की माने तो कली पुरुष का पूरी तरह से अंत नहीं होगा बस उसकी शक्तियां खत्म हो जाएंगी लेकिन एक बार फिर वह कलयुग के अगले काल चक्र में प्रकट होगा इतना ही नहीं उसका साथ देने वाले इंसानों का भी अंत हो जाएगा बता दें कि इस युग में पाप की मात्रा 75 पर और पुण्य की मात्रा 25 पर रह जाएगी ब्रह्म पुराण के अनुसार अब तक कलयुग ने 5120 साल पूरे कर लिए हैं जबकि इसके खत्म होने में अभी भी 4288 साल बाकी हैं वहीं इस युग परिवर्तन का 22 चक्कर चल रहा है


कहते हैं मित्रों भगवान कल्की का यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा पुराणों की माने तो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के शंभर नाम की जगह पर विष्णु यशा नाम के ब्राह्मण के घर भगवान कल्की बेटे के रूप में जन्म लेंगे अब इसी के साथ जानते हैं कलयुग का राक्षस कली पुरुष आखिर दिखने में कैसा होगा मित्रों कलयुग में त्रेता युग और द्वापर युग से भी ज्यादा खतरनाक और डरावना राक्षस अपने प्रकोप से लोगों के दिलो दिमाग में अपना डर भर देगा कल की पुराण में वेदव्यास जी ने बताया है कि यह राक्षस कैसा दिखेगा कलयुग का राक्षस तेल मिले काजल की तरह काला होगा उसको देखने मात्र से लोगों के अंदर खौफ पैदा हो जाएगा कली अपने बाएं हाथ में तलवार धारण करके रखेगा उसी से वह मानव जाति पर अत्याचार करेगा और वह सब काम करवाएगा जो वह चाहता होगा कल्की पुराण में लिखा है


कि इस युग के मायावी राक्षस का पेट कौवे की तरह मोटा हो वह सिर्फ मानवों का मांस खाएगा और अपनी मायावी शक्तियों का प्रदर्शन ही करेगा विकराल रूपी कली पुरुष का आकार बहुत बड़ा होगा उसके सामने इंसान छोटे कीड़ों की तरह नजर आएंगे इतना ही नहीं उसकी जीभ भी बहुत लंबी होगी बता दें कि उसके पास से बहुत गंदी बदबू भी आया करेगी व बदबू इतनी गंदी होगी कि दूर कोज तक उसकी सुगंध पहुंच जाया करेगी इतना ही नहीं कलयुग के राक्षस की पत्नी के बारे में भी कल की की पुराण में बताया गया है कली पुरुष की पत्नी का नाम धक् की होगा वो भी अपने पति की तरह ही डरावनी होगी उसकी आंखें काली बिल्ली की तरह होंगी जिनको देख लेने मात्र से कोई भी वशीभूत हो जाएगा बढ़ते समय के साथ कली पुरुष के आने का समय भी पास आता जा रहा है कली पुरुष भगवान के सभी भक्तों के दिमाग से खेलकर उनको बुराइयों की तरफ ढकेल देगा उनसे वोह सभी काम करवाएगा जो व कभी ना करती उसके पास इतनी शक्तियां होंगी कि वह सभी आदमियों को अपनी सेना में शामिल कर लेगा कली पुरुष समय के साथ अपना भौतिक रूप भी ले लेगा जिससे यह और शक्तिशाली हो जाएगा कली पुरुष को शक्ति मिलने का जरिया कुछ और नहीं बल्कि सिर्फ अधर्म ही है


और वही उसे इस युग में मिलता है जिसके चलते उसकी शक्तियां बढ़ते समय के साथ दोगुनी होती जाएंगी वह इंसानों को भी वह शक्तियां देगा जिनकी उनको जरूरत होगी इंसानों की बढ़ती शक्तियों से कली पुरुष भी और ताकतवर हो जाएगा धीरे-धीरे इंसानों की शक्ति देवताओं से भी ज्यादा हो जाएगी इन्हीं शक्तियों के लालच में लोग राक्षस की तरफ खींचे चले आएंगे और एक समय ऐसा आएगा मित्रों जब कोई इंसान भगवान की पूजा नहीं करेगा कली पुरुष पूरी धरती से धर्म का नाश कर देगा और सभी लोग उसी को अपना भगवान मानने लगेंगे वह जैसा कहेगा वही कलयुग के लोग किया करेंगे कली पुरुष अभी भौतिक रूप में नहीं आया है लेकिन वह अपनी शक्तियों से इंसान पर काबू पा सकता है और कलयुग के अंत में वह भौतिक रूप में भी आ जाएगा तब वह पाताल लोग के आसुरी शक्ति को आजाद करके व्यक्तियों पर राज करेगा


Permalink: https://aghorijirajasthan.com/हर-युग-के-साथ-क्यों-बदल-जात/

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