बंधी हुई देवी देवताओं की शक्तियों को खुद कैसे खोलें।

बंधी हुई देवी देवताओं की शक्तियों को खुद कैसे खोलें।

आज मैं आपको बताऊंगा कि आप किस प्रकार से अपने बंद हुए देवी-देवताओं को खोल सकते हो और खुद खोल सकते हो इसके लिए आपको किसी विशेष व्यक्ति के पास जाने की आवश्यकता भी नहीं है बस आपको खुद ही विधि करनी है  जिस क्रिया करनी हैKali maa


इससे आपके बनते हुए देवी-देवता अगर आपको ऐसा प्रतीत होता है कि आपके देवी-देवता किसी ने बांध दिए हैं या फिर

आपके जो देवी देवता आपके शरीर पर आते हैं

वह बोलते न वह या फिर उनका कुछ असर आपको देखने को मिल रहा हो आपको पता है कि आपके साथ में शक्ति है पर वह आपको जवाब ना दे रही हो आप से बात ना कर रही हो  आपको जानकारी न दे रही हो या कैश पीना खेल रही हो अगर चीज पर खेल तो बोलना रही हो तो ऐसे में आप उनको खोल सकते हो क्योंकि ऐसा बंधन के कारण होता है और एक दूसरा कारण यह भी होता है


कि आपकी साधना का आपकी ऊर्जा का कम होना जब कहते हैं


कि जब हम  साधना करते हैं हम किसी साधना में अनुष्ठान करते हैं उस अनुष्ठान की पूर्णता तब प्राप्त होती है हमें जब
उसकी एक जो मंत्र की एक निश्चित फ्रीक्वेंसी होती है मंत्र की एक निश्चित एक रेखा होती है जिस पर जा करके हम कहते हैं कि हमारा मंत्र सिद्ध हो गया अगर उस रेखा तक उच्च फ्रीक्वेंसी तक आप जप नहीं करते तो भी आपको मंत्र का फल नहीं मिलता इसी प्रकार से

किसी देवी या किसी देवता की शक्ति

जब उस लेवल तक उस स्तर तक नहीं पहुंच पाती जिस स्तर पर वह देवी देवता आपके सामने प्रत्यक्ष हो जाए या वह आपसे बात करने लगे या वह आपको हर चीज हर तरह की जानकारी देने लगे तब भी पूरी जानकारी नहीं प्राप्त होती और एक दूसरी चीज होती है जिसमें आपके देवी-देवताओं को  बांध दिया जाता है


और उस बंधन के बाद भी वह आपको पूरी जानकारी नहीं देते हैं तो यह दो चीजें होती है इन दोनों में से अगर आपके देवी-देवता किसी ने बांध रखे हैं तो आप मेरी बताई इस विधि के द्वारा उनको खोल सकते हो और उसके बाद आपको पहले की तरह जैसे वह आपको जवाब दिया करते थे जैसे वह आपसे बात किया करते थे उसी तरीके से सारी चीजें होने लगेगी


लेकिन अगर आपकी साधना उस लेवल तक नहीं पहुंची है tho आपको साधना करके उस मंत्र की सिद्धि करनी पड़ेगी या उस देवता की जो भी आपको विधान बताया है आपके गुरु ने जैसे भी आपके गुरु ने आपकी शक्ति चलाइए जैसे उन्होंने आपका  मार्गदर्शन किया है तो उस विधि से आप को वह करना है ताकि उस स्तर की साधना आप कर पाए और वहां पर जा करके आपको पूर्णता प्राप्त हो सके पूरी सिद्धि प्राप्त हो सके है तो अब शुरू करते हैं आपको बताता हूं क्या करना है कैसे करना है देखिए जब किसी शक्ति को बांधा जाता है तो उसी शक्ति का वंदन किया जाता है खेड़ा खेड़ा के देवता से यानी कि स्थान के देवता से उसे क्षेत्र के देवता से और घर के देवता से घर के देवताओं में हमारे पित्र भी होते हैं हमारे कुल देवता भी होते हैं और चौराहे की देवी होती है और स्थान देवता होते हैं इन सभी को साथ में ले करके किसी की शक्ति बांधी जाती है


तो मैं आपको एक भोग बताऊंगा इस भोगो अगर आप नियमित रूप से करोगे तो आपकी शक्तियां खुल जाएंगी क्योंकि इसमें जिस देवता का भी सहारा ले करके आप की शक्तियों को बांधा गया होगा और आपकी शक्तियों को बांधा गया होगा तो उनको जब भोग प्रसाद उनका मिल जाएगा तो वह अपने बंधन खोल देंगे और आपकी शक्तियां भी आपके पास पुणे लौट आएंगी तो सबसे पहले शुरुआत करते हैं


भगवान गणेश से क्योंकि भगवान गणेश अगर पूजा के अधिकारी कि हर कर्म की सफलता में हर साधना की सफलता में भगवान गणेश को सबसे आगे रखा जाता है तो आपको क्या करना है कि आपको दो
लड्डू भगवान गणेश के लिए लेने हैं और यह दो लड्डू आप किसी भी पात्र में ले सकते हैं किसी भी डिस्पोजल की जो आती है कटोरी आती है उसमें ले सकते हो कोई भी आपको जो भी मिल पाए कोई पेपर हो कैसा भी उस पर आपको दो लड्डू भगवान गणेश के रखने हैं ठीक है भगवान गणेश के बाद में दो लड्डू आपको रखने अपने पितरों के लिए ठीक है क्योंकि पित्र भी हमारे घर के होते हैं अगर यह भी अड़ जाते हैं तो भी कोई भी शक्ति हमारी बांध नहीं सकता और अगर इनको उस व्यक्ति ने मोह के अपने वश में कर लिया है तो भी आपकी शक्तियां बंध जाती है


घर के पितर भी बंधु अभी शक्तियां नहीं खुलती तो
घर के पितरों के आपको दो लड्डू रखने हैं और दो बूंदी के लड्डू रखने आपको अपने कुल देवता के नाम से कुल देवता हो या कुलदेवी उनके नाम से दो लड्डू आपको रखनी है उसके बाद आपको दो लड्डू अपने चौराहे की देवी के नाम से आने की जो माता शीतला आए उनके नाम से क्योंकि कोई भी शक्ति आपके पास आएगी या नहीं आएगी इसके लिए सबसे पहले जो रास्ते में पड़ता है वह चौराहा यानि कि चौराहे की देवी जो जी ने कहा जाता है उनकी अगर मर्जी नहीं होगी तो ना तो आपको सम्राट तो आपके पास कोई शक्ति आएगी और ना ही कोई आपकी शक्ति को बांध सकता है जब तक उनकी मर्जी ना हो तो जो भी ) लोग क्रिया करते हैं ऐसे कर्म करते हैं वह चौराहे की देवी को साथ में लेकर के चलते हैं और उनको भोग प्रसाद देते हैं ताकि वह आपके घर तक उसे नकारात्मक शक्ति को या बंधन लगाने के लिए किसी भी चीज को भेज सके तो दो लड्डू आपको चौराहे की देवी के लिए रखने हैं और उसके बाद 2 बूंदी के लड्डू आपको रखने है किसके नाम से स्थान देवता के नाम से यानी कि जो पूरा का पूरा क्षेत्र जिसके अंदर में आता है ठीक है भले से आपको पता हो या ना पता हो कि इसे इस स्थान के यह देवता है बस आप स्थान देवता के नाम से भी अगर आप भी भोग प्रसाद उनको दे दोगे तो वह उनको अपने आप ही पहुंच जाएगा ऑटोमेटिक चाय आपको नाम पता उनका या ना बताओ वैसे क्षेत्रपाल के देवता इन को कहा जाता है क्षेत्रपाल के देवताओं में बाबा भैरव भी आते हैं लेकिन ऐसा कंपलसरी नहीं है कि हर क्षेत्र के देवता भगवान भैरव भी है हर क्षेत्र में अलग-अलग देवताओं की मान्यता होती जैसे कि गुडग़ांव अगर आप गुडग़ांव को देखोगे तो गुड़गांव में माता मसानी माता शीतला उसे क्षेत्र की देवी व दिल्ली में देखोगे तो दिल्ली में कालकाजी क्षेत्र की देवी जम्मू में देखोगे तो जम्मू में वैष्णो देवी क्षेत्र की देवी है जो मुख्य मानी जाती है असम में देखोगे तो असम में मां कामाख्या क्षेत्र की देवी है और उज्जैन में देखोगे तो उज्जैन में बाबा महाकाल उसे क्षेत्र के देवता में काशी में देखोगे तो काशी में भगवान शंकर काशी विश्वनाथ उस क्षेत्र के देवता है उसे दूसरे क्षेत्र के राजा लें बिना उनकी मर्जी के कोई कुछ भी नहीं कर सकता इसी प्रकार से माता विंध्यवासिनी है उसे क्षेत्र की देवी इसी प्रकार कि मथुरा में देखोगे तो भगवान श्री कृष्ण है तो हर क्षेत्र के अलग-अलग देवी देवता होते हैं जिसकी वजह से जिनको भोगत बिना दिए कोई भी कर्म नहीं चला जाता है मैं इस तंत्र की बात कर रहा हूं भक्ति मार्ग में यह सब चीजें नहीं देखी जाती भक्तिमार्ग एक बिल्कुल अलग और  बिल्कुल ही अलग मार गए और तंत्रमार्गी बिल्कुल अलग मार गए ठीक है तो तंत्र में जैसे लोग चलाते हैं वह जा सूखा भगत लोग जैसे चलाते हैं तांत्रिक लोग जैसे चलाते हैं ठीक है शमशान निष्क्रिय करने वाले से वड़े जैसे चलाते हैं जो भी चीज है वह सारी मैं आपको बता ही देता हूं कोई बात मैं छुपाता नहीं हूं किसी से भी तो इस स्थान देवता के नाम से दो लड्डू रखे जाएंगे उसके बाद 2 लड्डू रखे जाएं दो लड्डू उसके बाद बाद रखी जाएंगी पांच प्रकार की मिठाई ठीक है यहां तक आपको दो लड्डू रखने लेकिन अब आपको पांच प्रकार की मिठाई रखनी है पांच प्रकार की मिठाई  रखनी है एक मीठा पान रखना है दो लौंग अपनी है दो इलायची रखनी है और उसके बाद अगर वह कोई देवी की शक्ति है तो देवी की शक्ति के लिए आप दो जायफल रख सकते हो अगर किसी देव की शक्ति है तो देव की शक्ति मैं आपको रखना है देश की शक्ति में आपको रखनी है दो लड्डू ठीक है पांच प्रकार की मिठाई तो रहेगी ही रहेगी तो यह चीज आपको रखनी है और उसके बाद एक-एक करके सभी देवी देवताओं का आवाहन आपको करना है यह सारी चीजें आपको अपने सामने रख लेनी है और यह जो यह क्रिया जब भी आप करोगे तो आपको स्नान करके साफ सुथरे धुले हुए वस्त्र धारण करने है


उसके बाद अपने आसन पर बैठना है अपने सामने देसी घी का दीपक जलाना है धूप बत्ती जलानी है ठीक है देसी घी का दीपक जलाना है और तेल का दीपक भी आपको जलाना है ठीक है दो दीपक जलाने और एक धूपबत्ती अगरबत्ती वगैरह और यह सारा भोग आपको अपने सामने एक करके पात्र में रख लेने हैं और यह जो क्रिया आपको करनी है किसी भी शुभ दिन आपको करनी है ठीक है कोई भी कि दिनों कोई भी महाशिवरात्रि यह शिवरात्रि योर और चतुर्दशी तिथियों शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी ओं योगिनी एकादशी तो होली और दीवाली योर ग्रहण का समय वह कोई भी अच्छा अक्षय तृतिया हनुमान जयंती
योग और भैरवाष्टमी ओं कोई भी अच्छा पर वह अच्छा त्योहार अच्छी तिथियों अच्छा नक्षत्रों गुरु पुष्य योग व रवि पुष्य योग हों और सोमवती अमावस्या को शनि अमावस्या हों तो ऐसे दिनों में आपको यह प्रयोग करना है और यह प्रयोग आपको जप करना है रात्रि काल में करना है नौ या दस बजे के बाद में ठीक है 910 बजे के बाद मैं आपको यह क्रिया करनी है और एकांत में करनी है बिल्कुल भी आपके आसपास कोई नहीं होना चाहिए किसी को बताना भी नहीं है जब आप यह क्रिया करोगे कि हम क्या कर रहे हो क्या नहीं कर रहे ठीक है और यह सारा सामान रख लेना है और ज्योत बत्ती वगैरह कर लेनी है धूप बत्ती
जला लेनी है फिर उसके बाद में एक-एक करके सब का आव्हान आपको करना है सबसे पहले गण अजय को बुलाना है


और उनका भगवान को अर्पित करना है अपने सामने आपको उपले कि आगे भी आपको कर लेनी है कंडे की आग आपको बना लेनी है उस आग में अग्नि प्रज्वलित कर लेनी है देसी घी और कपूर की सहायता से थोड़े-थोड़े आप बीच-बीच में उसमें सूखा गोला जो होता है सूखा गोला तोड़कर डालते रहो ताकि उसमें आज हमेशा जलती रहे अग्नि बंधा वह अब उसके बाद गणेश जी का आह्वाहन करना है गणेश जी का नाम ले करके थोड़ा सा लड्डू तोड़ करके उसे अग्नि में आपको डालना है ठीक है उस  अग्नि में आपको डालना है थोड़ा सा लड्डू तोड़कर के गणेश जी का आह्वाहन करके यह भोग आपका गणेश जी को चला जाएगा उसके बाद पितरों को बुलाना है पितरों पितरों को बुलाकर के उनको भोग दे देना उनको चला जाएगा फिर उसके बाद जो आपके कुल देवता है उनको बुलाना उनको भोग देना उनको बुक चला जाएगा ऐसे ही थोड़ा-थोड़ा लड्डू तोड़-तोड़कर और उसके बाद फिर चौराहे वाली देवी को बुलाना है उनको भोग देना उन फेसबुक चला जाएगा फिर उसके बाद इस स्थान देवता को बुलाना है उनको भोग देना उनको बहुत चला जाएगा फिर उसके बाद जो मेन भोग है


जो आपके आपके इष्ट देव का रखा है या फिर जिससे मेन देवता ने आपकी शक्ति बांधी यह आपको यह भी बोल यार जो शक्ति आपकी बंधी पड़ी है उनके नाम से ठीक है अगर माता काली है तो माता काली हनुमान जी है तो हनुमान जी भोलेनाथ तो भोलेनाथ जो शक्ति आपकी बंधी पड़ी है उसी शक्ति के नाम का वह भोग है जो मिठाईवाला मैंने आपको बताया है उसे लोगों को लेना है उस बैग को अपने ऊपर से सात बार आपको घुमाना है उसमें मैंने जो बताया था मिठाई मीठा पान लौंग इलायची लड्डू कोई देवी की शक्ति है तो उसमें मिठाई चल जाएगी फिर लड्डू रखने की आपको आवश्यकता नहीं है जायफल आपको रख है उसको को अपने ऊपर से सातबार घुमाकर के थोड़ा थोड़ा सा उसमें आपको डाल देना है मिठाई थोड़ी सी तोड़ करके उसमें अग्नि में डाल देनी है और जायफल दोनों अग्नि में डाल देने आपको यहां पर थोड़ा सा मीठा पान डाल दे और डाल देना है


और लौंग इलायची उसमें डाल देना है और बाकी की जो मिठाई वगैरह बच्चेग्गी वह उसके बाद में उसको उन सभी को आप प्रसाद के रूप में सभी लोग ग्रहण कर सकते हो या वह आप उस प्रशांत को बांट सकते हो तो जो शक्ति बंधी पड़ी है वह मिठाई आपको अपने ऊपर से सात बार घुमानी है और उसके बाद उसमें भोग में दे देना है और हाथ जोड़कर के प्रार्थना कर प्रार्थना करनी आपको सभी
से सभी देवी-देवताओं से प्रार्थना करनी है कि हमारी जो भी शक्ति बंधी पड़ी है जो भी हमारे देवता बंधे हुए हैं आप उनको खोलिए और उनको स्वतंत्र करिए चाहे वह किसी भी तांत्रिक ने बांधी हो जाने सोंठ खाने भगत ने किसी ने भी बंदियों और उसे शक्ति स्वतंत्र हो सके और हमारी जैसे वह शक्ति सहायता करती थी उसी प्रकार से हमारी उन्हें सहायता कर सके इस तरीके से आपको आह्वाहन करके प्रार्थना करके वह सारी चीज़े उसमें कर देनी है इसके बाद में फिर शक्ति खुल जाएगी फिर उसके बाद में आपको एक अनुष्ठान भी करना है अपने देवता का क्योंकि जब आप जब कोई व्यक्ति आपकी शक्ति
) को बांधता है तो उनकी शक्ति को भी वह शेयर कर देता है ठीक है तो आपको जब यह क्रिया कर लोगे तो इससे क्या होगा आपकी शक्ति खुल जाएगी शक्ति खुल जाएगी तो उसके बाद उसी शक्ति की उर्जा बढ़ाने के लिए उनको शक्ति देने के लिए आपको अनुष्ठान करना 11 दिनों का या 21 दिनों का अनुष्ठान आपको करना है वह अनुष्ठान मैं आपको बाद में बता दूंगा और या तो फिर अनुष्ठान मैंने पहले भी कई वीडियोस में बता रखे हैं कैसे करना होता है और साधना ये भी बता रखिए मैंने सारी कैसे करनी है

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