1मारण क्रिया कभी भी याद रखना आपके ऊपर कोई अनजान व्यक्ति नहीं कर सकता है मारण क्रिया आपका अपना रिश्तेदार ही करता है मारण क्रिया आपके मित्र ही आपके ऊपर कर सकते हैं आपके रिश्तेदार कर सकते हैं आपके पड़ोसी कर सकते हैं जो आपके विषय में जानते हैं वही मारण क्रिया करते हैं और करवाते हैं और अगर फिर भी आपको लगता है आप पर कोई मारण शक्ति हो रही है और कोई कर रहा है तो समझ जाना आपने पूजा पाठ नहीं किया है आपके कर्म बड़ खराब है आप बड़े कमजोर प्रकृति के व्यक्ति हो अपने को मजबूत करो सबल बनो नमस्कार नमो नारायण साधना हों के विषय में बताते बताते हर बार
aghori ji rajasthan
आपके प्रश्न होते हैं कि काला जादू जादू टोना मारण क्रिया इनके विषय में कैसे हम अपने आप को मजबूत बनाएं कैसे इसमें से अपना बचाव करें देखो यह सब चीजें जो हैं इससे आप स्वयं ही स्वयं को बचा सकते हो यह चीजें नहीं है ऐसी बात नहीं यह चीजें हैं अगर आदि शंकराचार्य को ऊपर कोई टोटके हो सकते हैं तो हम तो बहुत साधारण से जीव हैं तो जो महामूर्ख कहते हैं कि मारण क्रिया नहीं होती है मैं उनके लिए कुछ कहूंगा नहीं लेकिन हां मेरे व्यक्तिगत देखें मारण क्रिया होती है मुठ वगैरह जो मारना होता है तंत्र की जो साधनाए तामसिक रीत से होती है वह होता है लेकिन इन चीजों से बचा जा
सकता है इन चीजों से हम स्वयं बाहर आ सकते हैं मैं कहूंगा आपको किन्हीं बाबाओं के चक्कर में जाने की जरूरत नहीं है अगर आपके जीवन में आपने कोई कोई सूत्र बनाकर रखा हु अपने चलने का नियम बनाकर रखा है तो जो नियम है 24 घंटे के लिए 24 मिनट आपको आसन पर बैठ कर के कोई भी साधना करो हनुमान चालीसा करो शिव का जप करो राधा का जप करो राम का जप करो श्याम का जप करो लेकिन 24 मिनट जीवन में रोज देने का प्रयास करो शची अशु अवस्था का मुझे मत पूछना भगवान 2400 घंटे अवेलेबल है उनको मन से भी याद किया जा सकता है लेकिन यह मारण क्रिया क्या है
सबसे पहले जिन लोग का शहरों में होता है तो उनका नॉलेज बहुत कम होता है और वो इंग्लिश मीडियम के पढ़े लिखे बच्चे होते हैं आजकल तो काफी लंडन अमेरिका के भी रिटर्न होते हैं तो वह कहते हैं यह सब चीजें हम नहीं मानते हैं अरे भैया तुम तो कुछ भी नहीं मानोगे तो उसका अस्तित्व चला जाएगा तो अस्तित्व है इन चीजों का लेकिन जब अपने प गुजरती है अपने प बीत है तब हमें लगता है कि हां कुछ तो है तो सबसे पहले मैं आपको समझाऊं मारण क्रिया क्या होती है मारण क्रिया को थोड़ा सा समझे कि उसकी क्या निशानियां होती हैं उसके क्या लक्षण होते हैं और उसे कैसे बचा जा सकता1
है मारण क्रिया कभी भी याद रखना आपके ऊपर कोई अनजान व्यक्ति नहीं कर सकता है मारण क्रिया आपका अपना रिश्तेदार ही करता है मारण क्रिया आपके मित्र ही आपके ऊपर कर सकते हैं आपके रिश्तेदार कर सकते हैं आपके पड़ोसी कर सकते हैं जो आपके विषय में जानते हैं वही मारण क्रिया करते हैं और करवाते हैं कर तो नहीं सकते करवाते जरूर हैं तो होती कहां है यह मारण क्रिया तो समझ लो यह मारण क्रिया तंत्र की तामसिक क्रिया का अंग है जिसका जो भी विधि विधान होता है वह शमशान में होता है अब शमशान में आजकल वीडियोस में मैं देखता हूं ू पर एक टर्म जो है वह बहुत चलता है शमशान काली
कौन है यह शमशान काली शमशान काली कोई महाकाली का अवतार नहीं है हां उसको हमने मतलब जो यह करने वाले हैं उसको थोड़ा सा डेकोरेटिव देने के लिए महाकाली के सिमिलर शब्द दिया शमशान काली शमशान काली पूरी तामसिक विद्या है और शमशान काली की उपासना आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी मैं प्रमाणिकता के साथ कहता हूं कि हिंदुओं से ज्यादा यह जो दरगाह में आप लोग दागे बंधवा हो ना शमशान काली की साधना वो लोग ज्यादा करते हैं इसीलिए मैं कहता हूं यह जो दम मार कर के चीजें दी जाती हैं और बांधी जाती हैं यही आपके ऊपर मारण क्रिया होती है यहीं से मारण क्रिया प्रारंभ होती है
और जिन लोगों का मत्था हर दरवाजे पर जाकर झुकता है आज सुबह किसी और गुरु के पास थे दोपहर किसी और गुरु के पास पहुंचे शाम को किसी और दरवाजे पर देखो वह लोग बड़े कमजोर होते हैं उनको बैक्टीरिया पकड़ता ही है यह मारण क्रिया उन पर बहुत आसानी से हो जाती है तो कुल मिलाकर के मैंने जैसे बताया अननोन आदमी तो आपके ऊपर नहीं कर सकता है और जो भी होगा वह रिश्तेदारी आपका होगा और क्यों करता है मारण क्रिया सीधी सी बात है मनुष्य है तो उसमें जलसी होती है तो जो जेलेसी है या तो फिर उसकी वंश वृद्धि है या उसकी संपत्ति को लेकर के होता है ना
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चाचा भतीजा है प्रॉपर्टी प लड़े भाई बहन है प्रॉपर्टी पर लड़े तो जड़ जोडू और जमीन यह तीन चीजें होती हैं जिस पर मारण क्रिया होने का कारण बनता है तो जड़ जोडू और जमीन का अगर विवाद है कहीं पर सावधान हो जाऊ कैसे करता है कोई मारण क्रिया करने के लिए अगर मैं इसको मॉडर्न शब्द लूं तो हनी ट्रैप होता है हनी ट्रैप समझते हो हनी ट्रैप में लड़कियों का उपयोग होता है पिछले दिनों मेरे एक शिष्य बहुत अच्छे मेरे मित्र भी रहे उनकी सिस्टर के साथ उनके पति पर यह मारण क्रिया की गई थी लेकिन मारण क्रिया की गई थी एक लड़की के माध्यम से और लड़की बड़ी सुंदर उसको अप
ट्रैप में फसाया और जब पूरी उनकी तथ्य उन्होंने खुलवाए जहां पर भी उ पहुंचे और उनको सब खोल करके बता दिया गया तो मासिक र्म के खून के माध्यम से उसको पान में कोई चीज खिला दी गई थी और वह फिर उसमें ट्रैप हो गया और फिर हालत खराब हो गई परिवार की ठीक है देर सवेर आपको भगवान की शरण में आना पड़ता है और फिर धीरे-धीरे चीजें सुधरने लगती हैं पर बेवजह की मतलब यह मजदूरी हो जाती है मारण क्रिया के लक्षण क्या है एक तो अपने अंदर अब यह मत अपने से जोड़ के मत देख लेना कि यह लक्षण एक आद मिल गया तो आप पर मारण है नहीं मारण क्रिया वाले का पहला शरीर जो है ना वो फीका पड़ना शुरू
होता है पीला पड़ना शुरू होता है आंखें बाहर आ जाती हैं अपने को देखते ही लगता भूत जैसा दिखने लगता है वह उसका शरीर का पानी सूखने लगता है शरीर में खून बनना बंद हो जाता है उसको दस्त जुलाब उल्टियां यह रेगुलर रहती हैं शरीर के हर अंगअंग में कोने कोने में उसको पेन होता है दूसरा उसमें नकारात्मक विचार होते हैं कभी कभी वह मरने की भी बातें करता है लेकिन उसका फिजिकल स्ट्रक्चर पूरा का पूरा सिंगल हड्डी होने शुरू हो जाता है वह गलने लगता है वह आदमी क्योंकि यह जो मारण क्रिया होती है वह अवधि के साथ होती है टाइम के साथ होती है उसको मिनी म असर करने के लिए
40 दिन लगते हैं और मैक्सिमम उसको न साल मतलब हज दिन के अंदर-अंदर पूरा कर दिया जाता है इसके करने वाले हो सकता है भारत देश तो महान देश है बहुत कुछ इसमें संभव भी है पर मैं मानता हूं कि इसमें हर रा गरा नथु खरा मारण क्रिया नहीं कर सकता है मारन क्रिया करने के लिए उसकी स्वयं की भी साधना और गुरु का उस तामसिक विद्या में भी आवश्यकता तो होती है कैसे करते हैं तो नींबू से भी होती है क्रिया लौंग से भी होती है मांस के टुकड़े से होती है मछली से होती है शराब से होती है और पान में दे कर के भी होती है और जैसे मैंने बताया कि पान के अंदर तो मासिक र्म के खून का
इस्तेमाल करके उसको फसाया जाता है दूसरी बात लड़कियों से चुंबन करते समय भी अगर वह चाहे तो आपको सलटायर से बोल रहा हूं ना कि अपने परिवार जनों पर आप शक करो ऐसी बात मत करना थोड़ा सा दिमाग खोल कर के विचार और विवेक का इस्तेमाल कर लेना मैं अंधविश्वास फैलाने के बिल्कुल खिलाफ हूं लेकिन साथ-साथ में मैं कहता हूं आप अपने साधना अपने धर्म अपनी बल को बढ़ाओ कैसे री जो होती है मैंने बताया तामसिक ही पदार्थों पे हो सकती है उसकी बलि दी जाती है कहीं मुर्गा काटा जाता है कहीं बकड़ा काटा जाता है ऐसे उस व्यक्ति का नाम पता होना चाहिए जो मार
क्रिया करता है उसका गोत्र पूछा जाता है उसका कपड़ा लिया जाता है घर से उसका कपड़ा लिया जाता है या उसके बाल लिए जाते हैं नाखून लिए जाते हैं इस पर एक एपिसोड में पहले हल्का पुल्का बनाया था और मेन चीज है शमशान राख का इसमें उपयोग होता है अगर आपको कोई आकर के सर पर टीका लगा केर बोले यह बबूती सो एंड सो बाबा की है सो एंड सो मंदिर की है टीका लगा लो सावधान हो जाओ किसी भी जगह पर खड़े हो जाओ तो बाबा हाथ में डोड़ते हैं बंधवा लेते हो सावधान हो जाओ कभी सलटायर में जो दागा बांधते हो किसका है क्यों बांध रहे हो पता है क्या तो क्यों
में आपको सावधान हो जाना चाहिए तो जैसे मैंने बताया कि शरीर पीला पड़ जाता है सफेद पड़ जाता है खून पानी बनना शुरू हो जाता है इस तरह की कुछ कुछ निशानियां हमें देखने को मिलती है नींद भी हो जाती है उल्टी दस् तो होते हैं अब इसको कैसे उतारे आप बोलोगे यह तो बताया कि भाई मारण क्रिया है मारण क्रिया के लक्षण है मारण क्रिया कौन करता है तो मारन क्रिया क्या है यह तो सब हमने बता दिया अब उसको उतारो ग कैसे तो तुम्ही ने दर्द दिया है तुम ही दबा देना सबसे पहले जो मैंने शुरू किया ना आपने अगर अंगूठा लगा दिया तो तुम मिस कर गए कि 24
मिनट वाली फार्मूला में आपको कोई अचूक आपका नुकसान नहीं कर सकता दिन में 24 मिनट आपके आसन की सिद्धि मिनिमम होनी चाहिए मैक्सिमम तो 48 करो बढ़ते जाओ पूछना मत कि मिनिमम इतना 24 अब यह मत बोलना समय नहीं मिलता है तुम टट्टी पेशाब के लिए समय निकाल लेते हो सिगरेट पान के लिए समय निकाल देते हो 24 घंटे तुम्ह अपने बचाव के लिए समय नहीं मिलता है तो फिर क्या करोगे फिर तो तुम्हारा भगवान भी क्या भला करेगा मुझे बताओ और कितना सामान दिया है सनातन धर्म ने 24 मिनट तुम हनुमान चालीसा करो गीता का पाठ करो सप्तशती करो तुम्हारी मर्जी जो जब करना है ध्यान करना है जो
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टीका टपली यह प्रतीक चिन्ह जैसे शोभा बढ़ाता है आर्मी वालो की पुलिस वालों की यह प्रतीक चिन्ह के कारण तुम सैल्यूट करते हो तो इस प्रतीक चिन्हो के होने से तुम नकारात्मक ऊर्जा से बच जाते हो प्रतीक चिन्हो का थोड़ा सा पालन करो और जैसे मैंने बताया यह बेवजह के दागे बागे दरगाह में तुम्हारा सर नवाना यह बंद कर दो दूसरा यह है कि शरीर की रचना को समझो मारण शक्ति या तांत्रिक शक्ति या जादू किस पर होता है तो सबसे पहले मान लो कि हमारे शरीर जो है अस्थि रक्त मास से बना हुआ यह स्थूल शरीर है यह फिजिकल शरीर है फिजिकल शरीर के बाद एक सूक्ष्म शरीर भी होता है सूक्ष्म शरीर
में क्या होता है मन बुद्धि चित्त और अहंकार होता है फिर सूक्ष्मा के आगे क्या होता है कारण शरीर होता है जिसको हम कैजुअल बॉडी बोलते हैं क्या होता है कजल बॉडी में कारण शरीर में तो यह भावनाओं द्वारा निर्मित होता है और इसमें हमारी वासना एं होती है वासना क्मक भी कहे तो चलेगा कारण शरीर जो है सूक्ष्म और स्थूल के बीच इसमें अनुभवों की मतलब जो होती है कारण शरीर सूक्ष्म और स्थूल का बीज है कारण शरीर जो है वह सूक्ष्म और स्थूल का बीज है और उसमें अनुभवों की छाप और पिछले अनुभव होते हैं तो हमारी जो यह तीन शरीर मैंने बताया इसमें जो स्थूल शरीर है उस पर
तो यह तंत्र हो सकता है थोड़ा बहुत सूक्ष्मा पर भी पहुंच सकता है लेकिन कारण शरीर पर व आके थोड़ा सा नहीं कर पाएगा लेकिन शरीर के जो पांच कोष है हमारे अपने अनमय मनोमय प्राणम विज्ञान मय और आनंदमय यह पांच कोष मैं बहुत ज्यादा समय लेकर नहीं समझाऊ अनमय जो शरीर है यह भौतिक शरीर जो देख रहे हो यह अनमय शरीर है इस पर तुरंत प्रहार होता है इस पर तुरंत बीमारी बैक्टीरिया तंत्र मंत्र सब काम करते हैं मनोमय शरीर जो होता है वह हमारे विचारों पर है तो विचारों पर मतलब साइको उस पर भी असर होता है यह सेकंड कैटेगरी का हो गया लेकिन प्राणम जो कोष होता है वह जीवन की
ऊर्जा है वहां तक पहुंचना थोड़ा डिफिकल्ट होता है तंत्र मंत्र को भी और दूसरी विद्याओं को भी हां उसमें सात्विक जो है व आपको ऊर्जा दे गी तो आप उठ जाते हो प्राणम कोष लेकिन विज्ञान मय कोष जो और उससे आगा होता है उस पर गुरु की कृपा अगर हो गई जैसे मैं हमेशा कहता हूं कि गुरु की शरण में जाओ गुरु मंत्र लो गुरु काम करता है विज्ञान मय शरीर पर ठीक है अनमय मनोमय प्राणम तो ठीक है लेकिन विज्ञान मय पर आकर के आपको गुरु कृपा कर देता है तो इस कोष को जो स्पर्श करता है वो स्थाई बदलाव होता है वो आध्यात्मिकता में यही कोष लगता है और फिर अंतिम जो पांचवा कोष है वो है
आनंदमय कोष जो सत्य चित आनंद का जो हमारा देह है वह होता है तो मैं आपको बता रहा हूं कि मारण की जो क्रिया होती है वह हमारे अनमय शरीर पर पहले होती है फिर मनोमय जो नहीं साइकिक हो जाते हैं डॉक्टरों के पास चले जाते हैं नींद नहीं आती स्कज फ्रेनिया हो जाता है यह मनोमय जगत में आ गए फिर प्राणम शरीर में यह हो जाता है कि वह आपको डिस्टर्ब एक लिमिट तक कर पाएगा आगे नहीं कर पाएगा अगर आपकी साधना है आपके पूजा पाठ है आपके पास गुरु की शक्ति है तो यह चीजें नहीं कर सकता कोई बिल्कुल नहीं कर सकता गुरु गुरु तत्व आपको बचा लेता है लेकिन गुरु के जब तुम द्रोही
बनते हो हमारा भी अनुभव होता है हमसे कई चीजें लोग सीख कर के जाते हैं और जब सीख जाते हैं तो उनको लगता है हमने पूरी दुनिया की फार्मूला अपने हाथ में कर ली गाली गलोज भी दे देते हैं पीछे क्रिटिसाइज भी कर लेते हैं और उनको लगता है कि इस व्यक्ति के शरीर को गाली देने से वह गुरु तत्व के कोप से बच जाएंगे मेरे परिचय का एक व्यक्ति पागलपन की कगार पर पहुंचा हुआ है बंगाल में कि आप जब गुरु तत्व के विद्रोही बनते हो तो गुरु तत्व आपको छोड़ता नहीं है गुरु तो छोड़ देगा आपको क्योंकि वो अनमय शरीर में है तो सबसे बड़ी बात इन सब चीजों को हम स्वीकार करने के
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बावजूद भी निकलने का आपको रास्ता बताते हैं कि आध्यात्मिकता से इसको निकाला जा सकता है आप जो भी साधना ले विष्णु सहस्त्र नाम ले काली सहस्त्र नाम ले शिव ले हनुमान ले राम ले श्याम ले राधा ले लेकिन निष्ठा पूर्वक लीजिए बेवजह का इधर-उधर खाना पना मत करिए और चौथी बात मैं आपको एक बता दूं जो बहुत छोटी सी बात है आप जब भी भोजन लेते हैं तो आपने देखा होगा सभी साधु संत जल में हाथ ले हाथ में जल लेते हैं और फिर वो कुछ मंत्र पढ़ते हैं वो मंत्र होता है ओम ब्रह्मा अर्पणम ब्रह्मा हवी ब्रह्मा अग्नो ब्रह्मणा उतम ब्रह्म वतन गंतव्य ब्रह्म कर्म समाधि ना चौथे अध्याय का 24
वा नंबर श्लोक गीता के चौथे अध्याय का 24 वा नंबर श्लोक इस पर मैं आपको क्या कहूंगा कि गीता जो चल रही है दोदो श्लोक वाली स्वामी यो धर्म चैनल पर उससे भी प्रेरणा लेकर के अपने जीवन को सुधार सकते हो काफी कुछ समझ सकते हो बच्चों को समझा सकते हो तो गीता के चौथे अध्याय का 24 वां नंबर श्लोक जब भी आप जल लेकर के उसका प्रक्षालन कर लेते हो अनाज का दोनों टाइम तो आपके खाने पीने पर जादू टोना हो ही नहीं सकता क्योंकि व ब्रह्मा अर्पणम हो गया जब भी आप चाय दूध वगैरह वगैरह कुछ भी पीते हो तो एक बार परमात्मा का स्मरण जरूर कर लो तो उस
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ऊर्जा को आप सकारात्मक ले सकते हो और अगर फिर भी आपको लगता है आप पर कोई मारण शक्ति हो रही है और कोई कर रहा है तो समझ जाना आपने पूजा पाठ नहीं किया है आपके कर्म बड़े खराब है आप बड़े बड़े कमजोर प्रकृति के व्यक्तियों अपने को मजबूत करो सबल बनो मनोबल ऊंचा उठाओ और बैठ जाओ आसन लगा कर के कि मैं तो 108 हनुमान चालीसा रोज करूंगा तो करूंगा पंचमुखी हनुमान की मैंने साधना पर किया हुआ है कई एपिसोड आपके साधना हों के लिए हैं तो साधना आप ही को करनी पड़ेगी आपकी तरफ से कोई दूसरा दवाई नहीं खा सकता कि आप ठीक हो जाओ और यह जो फिर चिल्लाते
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हो कि हमारे साथ फ्रॉड हो गया चीटिंग हो गया तो आप स्वयं क्यों नहीं कर लेते हो मैंने तो आपको सरलता से बताया कि आप यह कर सकते हो किसी च में मत आओ तो डरो मत उष्ट जागृत प्राप्य रानि बोध आप उस परमेश्वर की संतान हो और यह बे फजूल की बातों में अपना समय मत गवा हो राष्ट्र के लिए धर्म के लिए सनातन के लिए आप जो भी करना चाहो अपने बल से कर सकते हो तो आज इतना ही फिर मिलेंगे अगले विषय को लेकर अगले एपिसोड में तब तक के लिए नमो नारायण
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