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क्या मिलता है महादेव की सेवा करने से ||
संत ने बड़ी सुंदर बात कही है किसी हरे भरे पेड़ के पास में जाकर खूब पेड़ को गाली देना चालू करो अप शब्द कहना चालू करो पेड़ को खूब कोसना चालू करो पेड़ धीरे-धीरे मुरझा जाता है धीरे-धीरे सुख जाता है तो पेड़ धीरे-धीरे समाप्त हो जाता हैँ और किसी सुखे पेड़ के पास में भी जाकर उसे वृक्ष की बढ़ाई करना प्रारंभ करो तो पेड़ भी धीरे-धीरे हरा भरा होना प्रारंभ हो जाता है अब जरा विचार करेगा किसी संत ने कहा कि वृक्ष के पास में बैठकर बुराई करो पेड़ की तो पेड़ सूखता है सुखे पेड़ के पास में बढ़ाई करो तो पेड़ हरा भरा होता है शिव महापुराण यही कहती है जीस दिन आप सोच लेते हो कि अब मैं शंकर जी को जल चढ़ा रही हूं मेरी बीमारी समाप्त होगी मतलब यह पक्का है तुम्हारे रोग को समाप्त कर देता है तुम्हारी बीमारी को समाप्त कर देता है तुम जितने भरोसे से जितनी डरता से जितने विश्वास से भगवान शंकर की भक्ति करते हो एक लोटा जल लेकर महादेव के पास जाते हो एक लोटा जल लेकर शिवाके पास जाते हो उतना उतना महादेव तुम पर करुणा करना प्रारंभ कर देता है
aghori baba / baba baba ji
आप जितना शिवा को भेजोगे आप जितना शंकर का स्मरण करोगे क्या मिलता है शंकर के मंदिर जाने से क्या प्राप्त होता है शंकर के मंदिर में सफाई करने से क्या मिलता है शिव जी के मंदिर में झाड़ू लगाने से क्या मिलता है शंकर के मंदिर में सफाई करने से नरसिंह पुराण की कथा में एक बहू रोमन नाम का देत्य था नरसिंह पुराण की कथा कैसी है बहू मानम का एक व्यक्ति था और था रक्षा पूर्व समय मेंएक चंद्रवंशी राजा था जिसका नाम जय ध्वज धर्मात्मा भी था पुण्य आत्मा भी था सत्कार भी था सब कुछ चंद्रवंशी एक राजा था अपने राज्य का सही संचालन कर रहा था अपने राज्य को सही तरह से साथ रहा था जिंदगी की एक सबसे बड़ी गलती उसे जय ध्वज ने कर दी
देव ऋषि नारद शिवाजीके शिवालय से शंकर के शिवालय से एक लोटा जल समर्पित कर कर रहे थे अब आप लोग कहेंगे क्या गुरुजी देव ऋषि नारद शंकर जी को जल चढ़ाते हैं शिवामहापुराण का एक एक शब्द अगर आप पढ़ेंगे और आप हमारी वाणी पर भी अगर भरोसा ना करें तो गीता प्रेस गोरखपुर की शिवामहापुराण की किताब लेकर आए या फिर नरसिंह पुराण लेकर आए लिंग पुराण लेकर आए नर्मदा पुराण लेकर आए उसका एक बार दिल से अध्ययन करना 33 कोठी देवताओं में ऐसा कोई देवता नहीं था जो संकल्प को जल चढ़ाएं बिना भजनन कर लेएक शब्द अगर आप पढ़ेंगे और आप हमारी वाणी पर भी अगर भरोसा ना करें तो गीता प्रेस गोरखपुर की शिव महापुराण की किताब लेकर आए या फिर नरसिंह पुराण लेकर आए लिंग पुराण लेकर आए नर्मदा पुराण लेकर आए उसका एक बार दिल से अध्ययन करना 33 कोटि देवताओं में ऐसा कोई देवता नहीं था जो शंकर को जल चढ़ाएं बिना भोजन कर ले सारे देवता पहले शिवाजी को जल चढ़ाते थे फिर भोजन ग्रहण करते थें

कितने लोग हैं जो शंकर जी के मंदिर में एक लोटा जल चढ़ाते जरा हाथ उठाओ बोल बम का नारा है हर हर महादेव
सारी समस्या का हाल एक लोटा शिवाजीको चढ़ाओ जल
और अगर अच्छे से पढ़ोगे रामचरितमानस रामचरितमानस में वर्णन है जब तक एक शिवलिंग का निर्माण नहीं कर लेते शंकर भगवान का एक शिवलिंग का निर्माण करते उसके बाद मेरे राम जी महाराज पूजन करने के बाद लौटा भर जल समर्पित करने के बाद फिर कंदमूल फल ग्रहण कर यह शिवाकृपा है
जो लोग भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं सच्चा प्यार और विश्वास रखते हैं उन्हें विशेष तरह की शक्तियां प्राप्त होती है और साथ-साथ कुछ विशेष गुण भी उनको शिवाकी कृपा से मिलने है भगवान शिव त्रिलोक धारी हैंजो लोग भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं सच्चा प्यार और विश्वास रखते हैं उन्हें विशेष तरह की शक्तियां प्राप्त होती है और साथ-साथ कुछ विशेष गुण भी उनको शिव की कृपा से मिलता है भगवान शिव त्रिलोक धारी हैं तीनों का पालन करते हैं और संहार भी उसके बाद भी काफी साधारण से दिखने वाले भगवान है वह अपने अपने भक्त के भाव को देखकर ही उसके सभी कामना पूरा कर देते हैं जिनको सब ने खुद से दूर किया भगवान शिव उसको अपने हैं विषैला नाग सांप बिच्छू भस्म भांग धतूरा रक्षा यहां तक की विश्व को भी उन्होंने अपना कर पी लिया है भगवान शिव ही एक ऐसे देवता है जो अपने भक्तों में भेदभाव नहीं रखते जहां हर देवी देवता सोनी का आभूषण धारण करते हैं वही हमारे शिवाजीभगवान शिव ही एक ऐसे देवता है जो अपने भक्तों में भेदभाव नहीं रखते जहां हर देवी देवता सोने का आभूषण धारण करते हैं वही हमारे शिवाजी बादशाला धरणण कर शरीर पर भस्म लगाते हैं धूपबत्ती जलने वाले को भी भगवान शंकर भाव से परर कर देते हैं तो चलिए जो बाबा भोलेनाथ की सेवा करते हैं पूजा करते हैं उन्हें क्या-क्या शक्तियां क्या-क्या गुण प्राप्त होता है वह मैं आपको बताता हूं
- पहले है शिव भक्त को एक ऐसी तेज प्राप्त होती है जो सामने वाले पर अपना प्रभाव छोड़ती है लोग उन्हें सुनने और समझना लगते हैं तथा उनके हर आदत को अपनेने लगते हैं चाहे वह अध्यात्म से जुड़ा हो या सांसारिक जीवन से
- दूसरा है शिव पुजारी के अंदर लोग लालच काम क्रोध नहीं होता है जो उनके पास है वह उन्हें से खुश रहते हैं
- तीसरा शिव को मानने वाले वैराग्य जीवन भी अपनाते हैं पर जो गृहस्थ जीवन में रहते हुए उनकी आराधना करते हैं उनके घर गृहस्ती में भगवान शिव ढ़ेरो खुशियां लेते हैं हमेशा उनकी परिवार का रक्षा करते हैं
- चौथ है शिव की पुजारी दिल से मजबूत होते हैं वह बड़े-बड़े दुख भी शिवापर विश्वास कर जेल लेते हैं
- पांचवा यह गुण होता है शिव पुजारी के अंदर की वह गलत बात प्रकाश कदापि करना पसंद नहीं करते हैं चाहे उनकी प्राण भी चली जाए
- छठ शिवाकी सेवा करने वाले सही गलत का फैसला तुरंत करते हैं वह इनमें समय नहीं लगते वह तुरंत फैसला लेने के लिए जाने जाते हैं
- सातव शिव पुजारी का सबसे महत्वपूर्ण गुनिया है कि वह खुद को दूसरी व्यक्ति की जगह रखकर सोचते हैं दूसरे के दुख से दुखी और सुख से सुखी होते हैं
- आठवां भविष्य में होने वाली घटनाओं का ज्ञान उन्हें पहले से पता चल जाता है शिव भक्ति के कारण
- नवा गुण यह है कि वह मृत्यु से नहीं डरते हैं
- 10 शिवापुजारी की प्रार्थना जल्दी कबूल होती है वह किसी दूसरे के लिए दुआ मांगते हैं तो वह दुआ जल्द काबुलहो जाती है इसलिए कहते हैं भोले भाव के भूखे हैं उनकी वेशभूषा पर मत जाना वह समस्त संसार को अपने में समाहित किए हुए हैं समस्त संसार को वही चलते हैं अगर आपको इस संसार के भाव से पर उतरना है तो बाबा भोलेनाथ की भक्ति कीजिए नया पर कर देंगे मेरे भोले बाबा उनकी पूजा करें आराधना करें
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